किसान खाद की किल्लत में और कमल पटैल लड़कियों के साथ माडलिंग कर रहे हैं: जीतू पटवारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में खाद के अभूतपूर्व संकट को किसान और किसानी पर हमला बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज जी ने किसानों का मुनाफा दोगुना करने का वादा किया था मगर लागत दोगुनी कर दी।16 साल का कुशासन प्रदेश की पहचान बन गया है।

पटवारी ने कहा कि सरकार बता रही है कि प्रदेश में 3 लाख 18 हजार टन  यूरिया आया है जबकि 4 लाख 99हजार टन का आवंटन हुआ और मात्र 2 लाख 31 हजार टन ही बांटा गया है क्यों?इसका जबाब कौन देगा।ये एक लाख टन यूरिया कहां गया किन भाजपाईयों के गोदामों मे कैद है,उसे मुक्त करायें।

पटवारी ने कहा कि ट्रक लुट रहे हैं,गोदाम लुट रहे हैं थाने से खाद बांटना पड़ रहा है और प्रदेश का कृषि मंत्री लड़कियों के साथ रैम्प पर कैट वाक कर माडलिंग कर रहा है।शिवराज जी को यह दिखाई नहीं देता?ऐसे मंत्रियों को बर्खास्त करना चाहिये।
पत्रकार वार्ता में जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ऊर्जा चुनावी गोटियां सेट करने में झोंक रही है जबकि प्रदेश में किसान खाद संकट को झेल रहा है ।खाद लेने के लिए उसे लाठियां खानी पड़ रही हैं यहां तक कि आत्महत्या तक करनी पड़ रही है।

जिस समय पूरा प्रदेश और पूरा देश महंगाई से त्रस्त है किसान को महंगा डीजल खरीदना पड़ रहा है, मंहगी बिजली,मंहगा पानी खरीदना पड़ रहा है।मध्यम वर्गीय और गरीब को महंगा पेट्रोल खरीदना पड़ रहा है महिलाओं को महंगी गैस खरीदनी पड़ रही है। जब बेरोजगार को महंगी परीक्षा फीस भरनी पड़ रही है उस समय शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के यहां वीडियो बनवाने के लिए चूल्हे पर भोजन पकवा रहे हैं ।मिनरल वाटर  पिया जा रहा है। चुनावी नौटंकी में  व्यस्त मुख्यमंत्री ये तो बतायें कि उस गरीब महिला के घर की गैस की टंकी कहां गई।उसके यहां उज्जवला के उजाले को कौन.लील गया?

पटवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों पर आचार संहिता उल्लंघन की एफ आई आर हो रही है क्योंकि भाजपा जानती है कि नैतिक तरीकों से वे यह चुनाव और कोई भी चुनाव नहीं जीत सकते हैं। अपनी हार देखकर अंतिम समय पर बेईमानी करने पर भाजपा सरकार उतारू है । मंत्री गोविंद सिंह चुनाव क्षेत्र में घूम रहे हैं,शराब की गाड़ियां पकड़ीं जा रहीं है।

इस समय प्रदेश में प्रदेश का हर वर्ग त्रस्त है ।सरकार एक लोकसभा एवं तीनों विधानसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देखकर बौखला गई है। जनता ने यह तय कर दिया है कि ऐसे लोग जो वादा खिलाफी करते हैं, जुमले देते हैं एवं झूठी घोषणाएं करते हैं उनको इस चुनाव के जरिए अपनी ताकत का अहसास कराना है। लोकतंत्र में वापस जिन लोगों ने खरीद फरोख्त विधायकों की शुरू कर दी है उनको बताना है कि वोट तंत्र अभी भी जिंदा है। नोट तंत्र की प्रदेश के चुनाव में कोई जगह नहीं है।

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