उपचुनाव में झटके के बाद त्रिपुरा से आई भाजपा के लिए अच्छी खबर, स्थानीय निकाय की 7 सीटों पर मिली निर्विरोध जीत

 अगरतला

भाजपा को भले ही 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपचुनाव में करारा झटका लगा है, लेकिन अब उसे त्रिपुरा से अच्छी खबर मिली है। त्रिपुरा के स्थानीय निकायों के चुनाव में से भाजपा को 20 में से 7 पर निर्विरोध जीत मिली है। 5 स्थानीय निकायों में विपक्ष की ओर से नामांकन ही दाखिल नहीं हो पाए, जबकि दो अन्य सीटों पर भाजपा के अलावा कोई कैंडिडेट ही नहीं उतरा था। हालांकि इस बीच राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने भाजपा पर हिंसा का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से कई दिनों से हिंसा फैलाई जा रही थी। इसके चलते विपक्षी नेता नामांकन ही नहीं कर सके।

बुधवार को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नामांकन का आखिरी दिन था, लेकिन इन सीटों पर विपक्षी नेताओं की ओर से पर्चा ही नहीं दाखिल किया गया। विपक्ष का कहना है कि कमालपुर, खोवाई, मोहनपुर, जिरानिया, रानिरबाजार जैसी सीटों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की हिंसा के चलते दूसरे लोग पर्चा ही नहीं दाखिल कर सके। त्रिपुरा में टीएमसी के संयोजक सुबल भौमिक ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग से कई बार अपील किए जाने के बाद भी विपक्षी नेताओं को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़े गुंडों ने पुलिस के सामने ही विपक्षी नेताओं को धमकियां दीं, लेकिन वे मूकदर्शक बने रहे।

हालांकि विपक्षी दलों के आरोपों को निर्वाचन आयोग ने खारिज किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य में स्थानीय निकाय के चुनावों में 829 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं। अकेले अगरतला नगर निगम से ही 212 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है, जिनमें से 13 उम्मीदवार निर्दलीय भी हैं। बता दें कि बीते कुछ महीनों में त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस भी सक्रिय हुई है और लगातार भाजपा पर हमलावर रही है। इसके चलते राज्य में लंबे समय तक सत्ता में रही सीपीएम नेपथ्य में जाती दिखी है, जबकि भाजपा और टीएमसी ही मुख्य मुकाबले में दिखी हैं।

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