भारतीय टीम ने बेल्जियम पर 1-0 से दर्ज की जीत, कल जर्मनी से सामना

नई दिल्ली
दो बार के चैंपियन भारत ने रोमांचक मुकाबले में बेल्जियम को 1-0 से शिकस्त देकर लगातार दूसरी जबकि कुल चौथी बार जूनियर हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल का टिकट कटा लिया। अब फाइनल में जगह बनाने के लिए शुक्रवार को विवेक प्रसाद की अगुवाई वाली भारतीय टीम का सामना छह बार की चैंपियन जर्मनी से होगा।

भारत के लिए और मैच का एकमात्र गोल शारदानंद तिवारी (21वें मिनट) में पेनाल्टी कॉर्नर पर दागा। भारतीय टीम की यह बेल्जियम पर पांच मुकाबलों में पांचवीं जीत है।

भारतीय टीम इससे पहले 1997, 2001, 2005 और 2016 में अंतिम चार में पहुंची थी। यह मैच दोनों टीमों के रक्षात्मक कौशल का शानदार उदाहरण रहा और भारत एक गोल दागकर आगे बढ़ने में सफल रहा।

बेल्जियम ने आक्रामक शुरुआत करके भारत पर दबाव बनाया लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाई और सहजता से हमलों को नाकाम किया। बेल्जियम को गोल करने का पहला मौका 13वें मिनट में मिला लेकिन भारतीय गोलकीपर प्रशांत चौहान ने थीबियु स्टॉकब्रोक्स का करीब से जमाया गया शॉट रोक दिया।

भारत को गोल करने का पहला मौका पहले क्वार्टर के अंतिम क्षणों में मिला लेकिन उत्तम सिंह का प्रयास बेल्जियम के गोलकीपर बोरिस फेल्डीम ने विफल कर दिया। भारत ने दूसरे क्वार्टर में आत्मविश्वास भरा खेल दिखाया और 21वें मिनट में अपना पहला पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया जिसे तिवारी ने कुुशलता से गोल में बदला।

बेल्जियम को 26वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन जेफ डि विंटर का फ्लिक बाहर चला गया। भारत मध्यांतर तक 1-0 से आगे था। बेल्जियम ने तीसरे क्वार्टर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन वे भारत की रक्षापंक्ति में सेंध नहीं लगा पाए।

इस बीच किसी भी टीम को कोई स्पष्ट मौका नहीं मिला। बेल्जियम ने चौथे क्वार्टर में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। खेल के 50वें मिनट में भारत के दूसरे गोलकीपर पवन ने डाइव लगाकर शानदार बचाव करके रोमन डुवेकोट के प्रयास को नाकाम किया।

बेल्जियम को 52वें मिनट में पेनाल्टी र्कार्नर मिला लेकिन भारतीय रक्षकों ने उसे इसका फायदा नहीं उठाने दिया। बेल्जियम ने खेल समाप्त होने से तीन मिनट पहले अपने गोलकीपर को हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी उतारा लेकिन इससे भी उसे कोई फायदा नहीं मिला। उसे खेल समाप्त होने से दो मिनट पहले पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीयों ने उसे भी नाकाम कर दिया।

छह बार की चैंपियन जर्मनी ने स्पेन को शूटआउट में 3-1 से पराजित कर रिकॉर्ड दसवीं बार अंतिम चार में जगह बनाई। निर्धारित समय तक स्कोर 2-2 से बराबरी पर था। जर्मनी ने पांचवें मिनट में क्रिस्टोफर कुटेर के पेनाल्टी स्ट्रोक पर किए गए गोल की मदद से बढ़त बना ली। इसके छह मिनट बाद ही स्पेन के  इग्नासियो अबाजो (11वें) ने पेनाल्टी कॉर्नर पर बराबरी का गोल किया।

अगले दो क्वार्टर में कोई गोल नहीं हो सका। स्पेन ने 59वें मिनट में एडुअर्ड डे इग्नासियो सिमो के गोल की मदद से बढ़त बना ली। आखिरी सीटी बजने पर जर्मनी को पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिस पर मासी फांट ने गोल करके मैच को शूटआउट में खींच दिया।

शूटआउट में जर्मनी के लिए पॉल स्मिथ, माइकल स्ट्रथोफ और हानेस म्यूलर ने गोल दागे जबकि मातेओ पोजारिच चूक गए। वहीं स्पेन के अगाजो, गुइलेरमो फोर्चूनो और सिमो गोल चूक गए जबकि गेरार्ड क्लापेस ने गोल किया। जर्मनी ने आखिरी बार 2013 में दिल्ली में खिताब जीता था और 2016 में लखनऊ में कांस्य पदक अपने नाम किया था।

अर्जेंटीना ने 16 और फ्रांस ने आठ बाद अंतिम चार का टिकट कटाया। वर्ष 2005 की चैंपियन अर्जेंटीना ने नीदरलैंड को 2-1 से जबकि फ्रांस ने कप्तान टिमोथी क्लेमेंट (14वें,24वें, 60वें मिनट) की हैट्रिक से मलयेशिया को 4-0 से पराजित किया।

अर्जेंटीना कुल तीसरी और फ्रांस दूसरी बार सेमीफाइनल में पहुंचा। फ्रांस की टीम 2013 में जर्मनी से फाइनल में हार गई थी। अब यह दोनों टीमें फाइनल में जगह बनाने के लिए शुक्रवार को आमने-सामने होंगी।

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