164 वर्ष बाद पहली बार जयस्तंभ चौक में मनाया जाएगा शहीद वीरनारायण सिंह का शहादत दिवस

रायपुर। 1857 में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व वीर नारायण सिंह सोनाखान के जमींदार राजा वर्तमान जिला बलौदाबाजार ने अंग्रेजों से अपनी प्रजा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और 24 अक्टूबर 1856 को संबलपुर से उन्हें गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया और 10 दिसंबर 1857 को आमजनता के सामने राजधानी रायपुर के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक में फांसी की सजा दी गई। 1857 से जयस्तंभ चौक में उनकी शहादत को याद नहीं किया गया लेकिन छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में 10 दिसंबर 2021 को यानी 164 वर्ष बाद पहली बार याद करते हुए शहादत दिवस मनाएगा। इस दौरान कलाकारों के द्वारा नाटक का मंचन किया जाएगा साथ ही शाम को 164 दीप प्रज्जवलित किया जाएगा। वहीं 185वें वर्ष में जस्तंभ चौक के समीप उनकी प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी।

उक्त जानकारी देते हुए  छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष अनिल दुबे, प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद, किसान नेता रामगुलाम सिंह ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में बताया कि सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक शहीद वीर नारायण सिंह की वीरगाथा को राजधानी की जनता तक पहुंचाया जाएगा। इस दौरान शहीद वीरनारायण सिंह पर कलाकारों द्वारा नाटक के माध्यम से उनकी फांसी की अंग्रेज यातना को दशार्या जाएगा। इस दौरान जयस्तंभ चौक को फूल माला से सुसज्जित किया जाएगा। शाम को 164 दीप प्रज्जवलित कर शहादत दिवस को संपूर्ण छत्तीसगढ़ और राष्ट्र तक संदेश भेजा जाएगा। शहादत स्थल जयस्तंभ चौक पर उनकी प्रतिमा लगाने का राज्य आंदोलनकारी, किसान मोर्चा ने निर्णय लिया है और अगले वर्ष यानी 165वें में शहादत दिवस के पूर्व उसकी स्थाना करा दी जाएगी।

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