वर्चुअल आईडी से आपके बायोमीट्रिक डिटेल्स की सुरक्षा और पुख्ता हो जाएगी

आधार कार्ड का डेटा सेफ है या नहीं, इसको लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. सरकार ने आपके आधार कार्ड के डेटा को सुरक्षित बनाने के लिए एक और पुख्ता उपाय किया है. यह उपाय वर्चुअल आईडी है. 1 जुलाई से आप आधार का वर्चुअल आईडी जेनरेट कर सकेंगे. यानी अब आपको किसी को अपना आधार नंबर सीधा देने की जरूरत नहीं और न ही वो आपका आधार जान पाएगा. वर्चुअल आईडी 16 अंक का एक नंबर होगा, जिसे आप अलग-अलग जगहों पर आधार नंबर के विकल्‍प के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे. यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने 1 जुलाई से वर्चुअल आइडेंटिफिकेशन (ID) को मैंडट कर दिया है.

यूआईडी के सीईओ अजय भूषण पांडे का कहना है कि वर्चुअल आईडी से आधार का इस्तेमाल आसान भी हो जाएगा और सुरक्षित भी. इसके अलावा, रिजर्व बैंक ने वर्चुअल ID स्वीकार करने के लिए सभी बैंकों को 30 जून अपने सिस्टम में जरूरी बदलाव करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. दूसरी तरह की सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली कंपनियां भी इसी तय अवधि के तहत अपने सिस्टम में बदलाव करेंगी और 1 जुलाई से वर्चुअल ID को स्वीकार करेंगी.

वर्चुअल आईडी से आपके बायोमीट्रिक डिटेल्स की सुरक्षा और पुख्ता हो जाएगी. वर्चुअल ID असल में कंप्यूटर द्वारा जेनरेट किया गया नंबर है. इस नंबर को आप कितनी भी बार जेनरेट कर सकते हैं. वर्चुअल ID सिर्फ कुछ समय के लिए ही वैध रहेगी, इससे इस ID का गलत इस्तेमाल होने की आशंका न के बराबर होगी.

वर्चुअल आईडी को आप UIDAI की वेबसाइट, किसी आधार इनरॉलमेंट सेंटर या m-Aadhar App से जेनरेट कर सकते हैं. वर्चुअल आईडी जेनरेट करने के लिए आपके पास आधार नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर होना चाहिए.

आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर ही वन टाइम पासवर्ड आएगा, जो कि आपकी आधार वर्चुअल ID को ऑथेंटिकेट करेगा.

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