बच्चों को मिलेगा नया ड्रेस कोड और गावों की महिलाओं को रोजगार: मप्र सरकार

 

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूझान पैदा करने के लिए सरकार बच्चों को नए स्कूल ड्रेस देने जा रही है. सरकारी स्कूलों से दूर होते बच्चों को को इस नए शिक्षण सत्र से बड़े पैमाने पर फिर से लाने की सरकार द्वारा कोशिश की जा रही है.

बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का हर सरकार प्रयास करती है, लेकिन लोग सरकारी स्कूलों का रास्ता भूल निजी स्कूलों का रुख कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब यह परिवर्तन देखने को मिल रहा है. इसी को देखते हुए शिवराज सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों के बेहतर विकास और सरकारी स्कूलों में बच्चों का रूझान बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश में प्राथमिक स्कूल से लेकर मीडिल और हाई स्कूल तक के बच्चों में एक समान ड्रेस कोड लागू करने जा रही है.

सरकार द्वारा लागू की जा रही नई स्कूल ड्रेस का निर्माण न कोई एजेंसी और न ही किसी ठेकेदार से करवाया जाएगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ही जोड़ा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सके और सरकारी स्कूल के बच्चों को स्कूल का नया युनिफॉर्म. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने-अपने ब्लॉक स्तर पर बच्चो की ड्रेस की सिलाई करेगी. इसे लेकर शिक्षा मंत्री विजय शाह ने खंडवा में स्वयं सहायता समूह की बैठक आयोजित कर स्कूल ड्रेस की जांच की.

सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे आर्थिक स्थिति में सूधार होगी. स्वयं सहायता समूह की संचालक ने बताया कि सरकार ने स्कूली ड्रेस कोड के जरिए एक तीर से दो निशाने साधे हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल ड्रेस सिलने का कारम करने वाले महिला समूह को रोजगार मिलेगा.

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