इंदौर के निजी अस्पताल में 12 कोरोना पीड़ित महिलाओं की प्रसूति, बच्चों में कोविड के लक्षण नहीं

इंदौर
 कोविड की तीसरी लहर में सामान्य मरीजों के साथ गर्भवती महिलाओं में भी कोविड संक्रमण मिल रहा है।  डिलीवरी के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों में अभी तक कोविड के लक्षण नहीं मिले हैं। पिछले एक सप्ताह में शहर के एक निजी अस्पताल में 12 कोरोना पीड़ित महिलाओं की प्रसूति हुई। अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गुंजन केला के मुताबिक पिछले वर्ष भी कोविड संक्रमण के दौरान काफी संख्या में गर्भवतियों की प्रसूति करवाई गई थी।

पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार संक्रमित होने वाली गर्भवतीयो की संख्या कम है। अभी तक जितनी भी गर्भवतियों की प्रसूति हुई है, उनके नवजात को किसी भी तरह का कोविड संक्रमण नहीं हुआ है। हमारे अस्पताल में 788 कोविड की अलग-अलग गंभीर रोगों से बचाव के लिए सर्जरी भी हो चुकी हैं और 921 कोरोना मरीजों का डायलिसिस भी किया जा चुका है।

456 कोरोना पीड़ित गर्भवतियों की प्रसूति हुई
कोरोना गाइडलाइन के तहत ऐसी हर महिला की डिलीवरी के पहले कोरोना जांच कराई जाती है और रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर प्रायः डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा यह कहकर हाथ खड़े कर दिए जाते हैं कि हम कोरोना पीड़ित महिला की डिलीवरी नहीं करते हैं। ऐसे में शहर के कुछ एक चुनिंदा अस्पताल ही ऐसे केस में गर्भवती की प्रसूति करवा रहे हैं। शहर के एक निजी अस्पताल में कोरोना काल के दौरान अब तक 456 महिलाओं की प्रसूति कराई जा चुकी है।

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