गाय-नंदी की शादी में जुटे मेहमान, मेहंदी-हल्दी से लेकर फेरे तक हुए

चित्तौड़
भारत एक ऐसा देश है, जहां गाय को माता के रूप में पूजा जाता है, लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले में एक नि:संतान दंपती ने गाय को बेटी बनाकर उसका कन्यादान किया। गाय और नंदी की इस शादी में हर रस्म धूमधाम निभाई गई। इस विवाह में दंपती ने कुल सात लाख रुपये खर्च किए। इस अनोखे विवाह समारोह में शामिल होने के लिए दूर-दूर से मेहमान आए। मेहंदी और हल्दी की रस्में हुईं। गाजे-बाजे के साथ बिंदौली निकाली गई, गाय और नंदी के फेरे हुए, जिसमें पंडित ने मंत्र पढ़कर विवाह की रस्म को पूरा किया। गाय और नंदी की शादी की पूरे इलाके में चर्चा के साथ धार्मिक माहौल बन गया है। पंडित सत्यनारायण सुखवाल ने मंत्र पढ़े और अग्नि को साक्षी मानकर गाय और नंदी ने बाकायदा 7 फेरे लिए।
 
गोशाला से गाय-नंदी को गोद लिया
चित्तौड़गढ़ के नाहरगढ़ के रहने वाले शंकर लाल जाट (47) और उनकी पत्नी परम बाई (40) ने बताया कि उनकी शादी को 22 साल हो गए है। उनके कोई संतान नहीं है। बेटी की शादी और कन्यादान करने का सपना अब तक अधूरा था। तब दोनों ने गाय को बेटी मानकर उसकी शादी करने का मन बनाया। महीने भर पहले गोशाला से गाय और नंदी को गोद लिया। शुभ मुहुर्त में दोनों की शादी का दिन 27 जनवरी तय किया गया। गांव वाले भी शादी समारोह में शामिल हुए।

गोशाला में दिया 51 हजार रुपए का दान
समारोह में शामिल लोगों ने कन्यादान का रिवाज भी निभाया। शादी में 51 हजार रुपए का दान आया, जिसे गोशाला में दिया गया। इसके अलावा चांदी के पायल, बर्तन और गिफ्ट आइटम भी दिए गए।

गांव में गोशाला के लिए 10 बीघा जमीन आवंटित
इस मौके पर पंचायत ने नाहरगढ़ गांव में गोशाला बनाने के लिए 10 बीघा जमीन अलॉट की। गोशाला बनाने में सरपंच सोसर बाई जाट और ग्रामीण मिलकर पैसा लगाएंगे। किसान ने गाय-नंदी की शादी के बाद गांववालों और नाते-रिश्तेदारों को दावत दी। इस दौरान गाय-नंदी के साथ फोटो खिंचाने का क्रेज रहा। लोगों ने उनके साथ सेल्फी भी ली।

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