AICTE: नई गाइड लाइन से इंजीनिरिंग-फार्मेसी कॉलेज खुलेंगे

भोपाल
एआईसीटीई ने 2 साल से नये इंजीनियरिंग व फार्मेसी कॉलेज खोलने पर रोक लगा रखी है। प्रदेश में नये कॉलेजों को स्थापित होने की स्वीकृति दे सकता है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने पिछले दो साल से नये इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों को खोलने पर रोक लगा रखी है। दो साल पूरे होने के बाद अब एआईसीटीई प्रदेश में नये कॉलेजों स्थापित होने की स्वीकृति प्रदान कर सकता है। कॉलेजों को स्थापित करने एआईसीटीई जल्द गाइडलाइन जारी कर कॉलेजों का आॅफलाइन इंस्पेक्शन तक करा सकता है।

प्रदेश में इंजीनियरिंग के करीब डेढ़ सौ और फार्मेसी के 114  कॉलेज संचालित हो रहे हैं। प्रदेश साथ देश में इंजीनियरिंग की हालात बहुत लचर बनी हुई है। वहीं फार्मेसी कालेजों में तेजी से इजाफा हो रहा है।  अभी इंजीनियरिंग व फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता देने पर रोक लगा दी थी। अब इस बैन को हटाने के लिये एआईसीटीई ने व्यवस्थाएं जमाना शुरू कर दिया है। सत्र 2022-23 के लिये नये कालेजों की गाइडलाइन भी तैयारी की जा रही है।

सरकार ने भी नहीं खोले
एआईसीटीई ने अपनी शर्तों पर राज्य सरकार को इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेज खोलने की इजाजत दी है। इसमें प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज खोलने में सिर्फ अपना पैसे लगाएगी। वह पीपीपी मोड पर कॉलेज नहीं खोल सकती थी। विगत दो सालों में सरकार कोई नये इंजीनियरिंग कॉलेज प्रदेश में स्थापित नहीं कर सकी है।  प्रदेश में नये कॉलेजों के लिये अपनी फीस निर्धारित करने के लिये प्रवेश एंव फीस विनियामक समिति में आवेदन कमेटी इंजीनियरिंग, डीफार्मा और बीफार्मा के साथ अन्य कोर्स की फीस तय कराने आवेदन ले रहा है। वर्तमान में डीफार्मा की न्यूनतम फीस 13 हजार 250 व अधिकतम फीस 23 हजार 250 सालाना जबकि बीफार्मा की न्यूनतम फीस 18 हजार 500 और 31 हजार 500 अधिकत फीस हजार रु. सालाना तय है।

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