सरकार ने एयर इंडिया के वी.वी.आई.पी. विमान का सालाना रख-रखाव खर्च बढ़ाया

नई दिल्ली
वित्तीय संकट से गुजर रही सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को राहत पहुंचाते हुए सरकार ने उसके तहत वी.वी.आई.पी. विमानों के संचालन और रख-रखाव खर्च को 200 करोड़ रुपए बढ़ाने को मंजूरी दे दी। एयर इंडिया राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए ‘विशेष उड़ानों’ का संचालन करती है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सी.सी.ई.ए.) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। वक्तव्य में कहा गया है कि रहन-सहन लागत सूचकांक में होने वाली वृद्धि, अमरीकी डालर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में गिरावट और विभिन्न उपकरणों की लागत बढऩे से इन विमानों का रख-रखाव खर्च काफी बढ़ा है। इन विमानों की उड़ानों का खर्च संबंधित मंत्रालयों द्वारा उठाया जाता है और एयर इंडिया को इसका भुगतान किया जाता है। एयर इंडिया को प्रतिदिन 15 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।

पोत परिवहन व जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने एयर इंडिया में विनिवेश पर कोई अंतिम फैसला करने से पहले अगले 3-4 महीने तक ‘इंतजार करो व देखो’ का रुख अपनाने का फैसला किया है। गडकरी ने एक साक्षात्कार दौरान कहा कि विशेषकर ईंधन की ऊंची कीमतों सहित मौजूदा बाजार हालात को देखते हुए यह फैसला किया गया है। मंत्री ने कहा कि ईंधन की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले कदम की व्यावहार्यता को आंका जाएगा। सरकार एयर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। एयर इंडिया पर मार्च 2017 में 48,877 करोड़ रुपए का कर्ज था।  

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