प्रदेश के अनियमितताओं में लिप्त अफसर कमजोर आरोप पत्रों के कारण साधारण सजा से बहाल हो रहे

भोपाल
प्रदेश के नगरीय निकायों में गड़बड़ियां करने वाले, अनियमितताओं में लिप्त नगरीय निकायों के अफसरों को सौंपे जा रहे कमजोर आरोप पत्रों के कारण जहां अफसर साधारण सजाओं के बाद बहाल हो रहे है तो वहीं समयसीमा के भीतर जांच पूरी नहीं होने के कारण भी आरोपी अफसरों को बहाल करना पड़ रहा है। ऐसे तीन अफसर हाल ही में बहाल हो गए है।

मंदसौर जिले की नगर परिषद भानपुरा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी गोविंद पोरवाल को संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन के 16 नवंबर 2021 के प्रतिवेदन के आधार पर बिना अनुमति चल रहे निर्माण कार्यों को रोकने संबंधी कोई वैधानिक कार्यवाही समय पर नहीं किए जाने के कारण 25 नवंबर को निलंबित किया गया था।  पोरवाल ने 30 दिसंबर को अपने पत्र का जवाब दिया। उनके उत्तर के आधार पर तात्कालिक रूप से कार्य सुविधा की दृष्टि से उन्हें निलंबन से बहाल करते हुए नगर परिषद सैलाना जिला रतलाम में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है।

नगर परिषद सांची जिला रायसेन के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेन्द्र सिंह को पथ विक्रेताओं के कल्याण के लिए संचालित अतिमहत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में गंभीर लापरवाही बरती गई है। इसके चलते पात्र हितग्राही योजना का लाभ लेने से वंचित हो गए थे।  नगरीय प्रशासन विभाग ने उन्हें सोलह जुलाई 2021 को निलंबित किया था। उन्हें नवंबर में आरोप पत्र जारी किए गए थे। दिसंबर में सिंह ने इन आरोपों का जवाब प्रस्तुत किया। उनके जवाब के आधार पर उन्हें परिनिंदा की सजा देकर प्रकरण समाप्त कर दिया गया। नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने सिंह को बहाल करते हुए प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद अजयगढ़ पन्ना के रिक्त पद पर पदस्थ किया है। निलंबन की अवधि को कार्य अवधि माना जाएगा।

 एक अन्य मामले में नगर पालिका परिषद सनावद, जिला खरगौन के सीएमओ मंशाराम निंगवाल को अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित होने के कारण 8 नवंबर 2021 को निलंबित किया गया था। 2 दिसंबर को उन्हें आरोप पत्र जारी किये गए थे। 20 दिसंबर को निंगवाल ने इसका जवाब पेश किया।  उनके जवाब पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उन्हें निलंबन से बहाल करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद सनावद जिला खरगौन के रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है। निलंबन अवधि को कार्य नहीं वेतन नहीं के आधार पर निराकृत किया जाएगा। इन तीनों की अफसरों की बहाली नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने की है।

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