कोचिंग सेन्टर्स की मनमानी पर लगाम के लिए राजस्थान में बनेगी एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी

जयपुर। प्रदेश में कोचिंग सेंटर्स की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए राजस्थान सरकार जल्द ही एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाने वाली है। राज्य सरकार ने पिछले दिनों एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने राजस्थान एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी का मसौदा तैयार करके राज्य सरकार को भेज दिया है। विधि विभाग की ओर से इस मसौदे का रिव्यू करवाया जा रहा है। रिव्यू करने के बाद राज्य सरकार इस अथॉरिटी को लागू करेगी। नया मसौदा लागू होने के बाद कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर रोक लगाकर उन्हें नियंत्रण में लाया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा तैयार किए गए प्रारूप में कोचिंग सेन्टर्स का एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है। जिस कोचिंग संस्थान में 20 से ज्यादा छात्र होंगे, उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होगा। प्रतियोगिता परीक्षाओं के साथ उच्च शिक्षा के लिए करवाई जा रही है। सभी तरह की कोचिंग को इसमें शामिल किया जाएगा। एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी में नियमों का मसौदा बनाया गया है। इन नियमों का पालन करने के लिए कोचिंग सेन्टर्स को पाबंद किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस अथॉरिटी के जरिए सरकार कोचिंग सेन्टर्स को अपने नियंत्रण में ले सकेगी।

निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने कोचिंग सेन्टर्स की मनमानी का मुद्दा पूर्व में राजस्थान विधानसभा में उठाया था। बलजीत यादव ने कहा था कि कोचिंग सेन्टर्स में छात्रों से मनमानी फीस वसूल की जाती है और सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता। ऐसे में कोचिंग सेन्टर्स की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार को नियम बनाने चाहिए।

प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा कोचिंग सेन्टर्स हैं। अधिकतर कोचिंग सेन्टर संचालक मनमानी करते हैं। राज्य सरकार ने लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. देव स्वरूप के संयोजन में कमेटी का गठन किया था जिसने एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी का मसौदा तैयार करके राज्य सरकार को सौंप दिया है।

राजस्थान एजुकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी में चैयरमेन और वाइस चैयरमेन की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही इसके सदस्य भी बनाए जाएंगे। इनकी नियुक्ति राज्य सरकार करेगी। अन्य बोर्डों की तरह चैयरमेन को कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण करने के पूरे पॉवर दिए जाएंगे। जयपुर, जोधपुर, कोटा और सीकर जैसे जिलों में जहां सबसे ज्यादा कोचिंग सेन्टर्स हैं, वहां जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।

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