करीबी मुकाबले को देखते हुए ,संकटमोचक डीके शिवकुमार को भी गोवा जाने का निर्देश 

नई दिल्ली

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही 10 मार्च को आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल के जरिए एक तस्वीर जरूर सामने आ चुकी है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी अगली रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है। खास तौर पर कांग्रेस के लिए आने वाला वक्त काफी अहम है, क्योंकि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती दिख रही है। ऐसे में अपने पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए कांग्रेस इस बार किसी भी तरह की लापरवाही से बचना चाहेगी। दरअसल पिछली बार गोवा में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह सोते रह गए थे और बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों समेत कांग्रेस के कुछ एमएलए को तोड़कर कम सीटों के बाद भी अपनी सरकार बना ली थी। लिहाजा इस बार कांग्रेस ने नतीजे आने से पहले बैकअप प्लान बना लिया है। वहीं कांग्रेस ने कर्नाटक के संकटमोचक डीके शिवकुमार को भी गोवा जाने का निर्देश दिया है।

बड़े नेताओं के चुनावी राज्यों में भेजा

2017 के गोवा चुनाव के बाद कांग्रेस की सुस्त चाल ने उससे सत्ता की चाबी छीन ली। बीजेपी की सतर्कता और सटीक नेतृत्व के दम पर उन्होंने कम सीट होने के बाद भी गोवा में अपनी सरकार बना ली। इसी से सबक लेते हुए, कांग्रेस ने पहले ही अपने बड़े नेताओं को चुनावी राज्यों में भेज दिया है। गोवा पर्यवेक्षक पी चिदंबरम और एआईसीसी प्रभारी दिनेश राव रविवार से राज्य में डेरा डाले हुए हैं।

जल्द फैसला लेगी कांग्रेस
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मानें तो इस बार कांग्रेस किसी भी तरह की लापरवाही या सुस्ती नहीं दिखाएगी। 'इस बार जल्द फैसला लिया जाएगा। हम सभी पार्टी उम्मीदवारों से मिल रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी को लूप में रखा जाए।'

गुंडु राव ने बताया कि, हम अपने विधायकों को एक सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित करने के बारे में सोच रहे हैं। अगर किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है, तो हम विधायकों को हथियाने की भाजपा की रणनीति के बारे में जानते हैं।

राहुल गांधी ने तैयार की थी रणनीति

दरअसल पिछले हफ्ते, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव के बाद की रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी के गोवा नेतृत्व से मुलाकात की थी। इसके बाद भी उन्होंने आगे के लिए बैकअप प्लान तैयार किया।

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