चीन में लॉकडाउन लंबा खिंचा तो महंगे होंगे मोबाइल-टीवी, कंपनियों के पास डेढ़ महीने तक का स्टॉक

नई दिल्ली

चीन में कोरोना संक्रमण में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसमें चीन का टेक हब शेनजेन भी शामिल है। जानकारों का कहना है कि यदि चीन में लॉकडाउन लंबा खिंचता है तो भारत में टेलीविजन, लैपटॉप और स्मार्टफोन की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के रिसर्च डायरेक्टर नवकार सिंह का कहना है कि भारत करीब 20 से 50 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति के लिए चीन पर निर्भर है। इसमें शेनजेन शहर की बड़ी हिस्सेदारी है। यदि एक बार फिर आपूर्ति प्रभावित होती है या संभावित राहत नहीं मिलती है तो सभी ब्रांड्स की कीमतों में बढ़ोतरी निश्चित है।
 

सबसे बड़ी बात यह है कि कंपनियां कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में वे इसका बोझ ग्राहकों पर ही डालेंगी। सिंह का कहना है कि यदि शेनजेन शहर में तीन सप्ताह या इससे ज्यादा लॉकडाउन रहता है तो इसका असर स्मार्टफोन की शिपमेंट पर जून तिमाही के मध्य तक या सितंबर तिमाही तक रह सकता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

काउंटरपॉइंट रिसर्च के निदेशक तरूण पाठक का कहना है कि उपकरणों की कीमत और किराये की दर लंबे समय से उच्च स्तर पर बने हुए हैं। कंपनियां अब कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। यदि चीन में लॉकडाउन लंबा खिंचता है तो स्मार्टफोन की कीमत में पांच से सात प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

जल्द हालात न सुधरे तो बड़ी बढ़ोतरी संभव

ग्रेहाउंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषक संचित वीर गोगा के मुताबिक, कीमतों में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि लॉकडाउन कितना लंबा खिंचता है। उनके मुताबिक विभिन्न सामानों की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, आपूर्ति संबंधी समस्या आने वाली तिमाहियों में दूर हो जाती है तो कीमतों में बढ़ोतरी 10 से 15 प्रतिशत के बीच रह सकती है। अन्य विश्लेषकों का कहना है कि अधिकांश स्मार्टफोन कंपनियां पहले से ही चिप की कमी का सामना कर रही है

कंपनियों के पास डेढ़ महीने तक का स्टॉक

टेलीविजन बनाने वाली कंपनी वीडियोटेक्स इंटरनेशनल के निदेशक अर्जुन बजाज का कहना है कि भारत बड़े पैमाने पर कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर है। कच्चे माल की कीमतों में पहले ही बढ़ोतरी हो गई है। कुछ कंपनियों के पास एक से डेढ़ महीने का स्टॉक होगा। यदि लॉकडाउन लंबा खिंचता है तो उद्योग प्रभावित होंगे। आपूर्ति प्रभावित होने से अंतिम उत्पाद के उत्पादन में देरी हो सकती है। बजाज ने संभावना जताई है कि शेनजेन में लॉकडाउन लंबा खिंचता है तो टीवी की कीमतें सात से 10 प्रतिशत बढ़ सकती हैं।

ऑटो कंपनियां घटा सकती हैं उत्पादन

बीते कुछ सप्ताह में चीन और हॉन्ग कॉन्ग से उपकरणों और कच्चे माल की आपूर्ति में कमी आई है। इसको देखते हुए कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल विनिर्माता अप्रैल से उत्पादन में कटौती कर सकते हैं। इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीन में कोविड-19 के केसों लगातार बढ़ोतरी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के आपूर्ति प्रभावित हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां चीन से तैयार कच्चा माल मंगाती हैं, लेकिन आपूर्ति नहीं होने की वजह से कंपनियों की इनवेंट्री घट रही है। ऐसे में कंपनियों को अप्रैल से उत्पादन में कटौती के लिए मजबूर होना पड़ेगा। भारत की इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां 40 से 50 प्रतिशत कच्चे माल के लिए चीन पर ही निर्भर हैं। एक कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनियां पहले से ही कच्चे माल और उपकरणों की आपूर्ति में 10 से 15 दिनों की देरी का सामना कर रही हैं। इससे अगले महीने उत्पादन प्रभावित होगा। इसके अलावा ऑटोमोबाइल कंपनियां भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आपूर्ति प्रभावित होने पर उत्पादन में कटौती पर विचार कर सकती हैं।

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