रिटायर्ड कर्नल आए अग्निपथ योजना के विरोध में, तर्क देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका

नई दिल्ली
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का कई तरह से विरोध हो रहा है। तमाम राजनीतिक दल तो पहले से ही इसका विरोध करते रहे हैं, अब सेना के एक रिटायर्ड कर्नल भी सामने आ गए है। योजना को रद करने की मांग करते हुए अब एक कर्नल (सेवानिृत्त) अमित कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ क्लब करते हुए सुनवाई 25 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।

कर्नल अमित कुमार का मुख्य तर्क यह है कि अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए भर्ती प्रक्रिया की प्रकृति में है। अमित कुमार ने याचिका में कहा कि यह योजना राष्ट्रीय सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से समझौता करती है और यह एक तरह से नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। अमित कुमार ने तर्क दिया कि यह योजना पायलट परीक्षण व कुशल प्रशिक्षण की कमी और युवाओं के शस्त्रीकरण से आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। इतना ही नहीं चार साल के बाद 75 प्रतिशत सैनिक वित्तीय सुरक्षा कमी व शोषण से ग्रस्त होंगे। उन्होंने कहा कि यदि योजना की समीक्षा नहीं की गई तो यह एक बड़ी आपदा को जन्म देगा।

इसी दिन अग्निपथ से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने योजना के विरुद्ध देश के विभिन्न हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि पहले से चयनित उम्मीदवार के चयन को शून्य घोषित करना उनके साथ मानसिक क्रूरता, उत्पीड़न और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। अमित कुमार यह याचिका उन उम्मीदवारों की तरफ से लगाई है। जिनका नाम वर्ष 2019 की अधिसूचना के तहत भारतीय वायु सेना में एयरमैन के पद के लिए शार्टलिस्ट किया गया था, लेकिन पहले उनकी भर्ती काेरोना के कारण लंबित थी, लेकिन अब अग्निपथ योजना के लागू होने के कारण उनका चयन रद कर दिया गया है।

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