गर्भावस्था के दौरान अपने हार्ट को सुरक्षित रखने के लिए खाये ये चीजें

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर अनेक परिवर्तनों से होकर गुजरता है। शरीर और हार्मोंस में होने वाले बदलाव का असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर देखा जा सकता है। हालांकि, ये बदलाव नैचुरल होते हैं। कई बदलाव तो ऐसे होते हैं जो शिशु तक को प्रभावित कर सकते हैं। इन्हीं परिवर्तनों में से एक है रक्त प्रवाह का हृदय की ओर बढ़ना।

इसका मतलब है कि ब्लड का फ्लो हार्ट की ओर ज्यादा हो रहा है। हालांकि, यह सामान्य माना जाता है लेकिन कई बार यह महिलाओं में परेशानी का कारण भी बन सकता है। ब्लड का प्रवाह हार्ट की ओर ज्यादा होने से महिलाओं पर डायबिटीज यहां तक कि हार्ट अटैक का खतरा भी मंडराने लगता है। इसके कुछ लक्षण हैं जिन्‍हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए जैसे कि हार्ट बीट का तेज होना, चक्कर आना, थकान महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द।

यह कुछ लक्षण हैं जो सामान्य नजर आते हैं लेकिन आपके होने वाले बच्चे के लिए खतरा बन सकते हैं। इसलिए यदि आपको इस तरह के कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आप सावधान रहें और अपने रूटीन में सही डाइट और एक्‍सरसाइज को शामिल करें।

​जिंक
मछली या मीट जिंक का प्रमुख स्त्रोत होते हैं लेकिन यदि आप शाकाहारी हैं तो आपको अपने आहार में गुड जिंक को शामिल करें। खाने में प्रोटीन युक्‍त फूड लें ताकि जिंक आपके शरीर में अच्छी तरह से अवशोषित हो पाए। छोले, दाल, बीन्स, बीज और नट्स में जिंक होता है।

​फोलिक एसिड
बच्चे में रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में किसी तरह की बीमारी ना हो इसके लिए फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है। गर्भधारण के बाद 28 दिनों तक फोलिक एसिड का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है। फोलिक एसिड बच्चे में न्यूरल ट्यूब जैसी बीमारियों को होने से रोकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम (0.4 मिलीग्राम) फोलिक एसिड की जरूरत होती है, जो अंडे, नट्स, बीन्स, खट्टे फल, पत्तेदार सब्जियां, ब्रेकफास्ट सीरियल्स और सप्लीमेंट्स के द्वारा मिल सकता है।

एक स्‍टडी के अनुसार प्रेग्‍नेंसी में फोलिक एसिड लेने से बच्‍चे को संरचनात्‍मक असामान्‍यताओं, कंजेनाइटल हार्ट विकारों से बचाया जा सकता है। यहां तक कि यह तत्‍व प्रीटर्म डिलीवरी से भी बचा सकता है।

​आयरन
प्रेग्‍नेंसी के दौरान शरीर में आयरन की कमी नहीं होनी चाहिए। हेल्दी बेबी के लिए शरीर में सही मात्रा में आयरन का होना जरूरी होता है। इसलिए अपने आहार में चिकन, मछली, फलियां, पत्तेदार हरी सब्जियां जरूर शामिल करें, क्योंकि इनमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

​विटामिन बी
विटामिन बी बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। यह विटामिंस बच्चे के पाचन तंत्र, स्किन, रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करते हैं। यहां तक कि जन्म दोषों को भी दूर करने में यह विटामिन मदद करता है। इस विटामिन की पूर्ति के लिए अनाज, हरी सब्जियां, चिकन, अंडे का सफेद भाग, दूध और मछली अपने आहार में शामिल करें।

​व्यायाम
गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करना भी उतना ही आवश्यक है जितना अपने खान-पान का ध्यान रखना। इस दौरान हल्की एक्सरसाइज जैसे कि ब्रिस्क वाकिंग, योगा, स्विमिंग कर सकते हैं। इन एक्सरसाइज से महिलाओं में पीठ दर्द की समस्या, कब्ज की परेशानी, ब्लड प्रेशर इत्यादि को कंट्रोल किया जा सकता है।

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