जन्माष्टमी आज:श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा

ग्वालियर

राधाकृष्ण के शृंगार में नगर निगम द्वारा बैंक लॉकर में संचित करोड़ों रुपए कीमत के गहने लेकर गोपाल मंदिर पहुंच गए हैं। जिसमें सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार लगभग ढाई लाख कीमत का, सात लढ़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे। सन् 2007 में इनकी अनुमानित कीमत लगभग 8 से 10 लाख रुपए आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट कृष्ण पहनाया गया। जिनकी कीमत भी लगभग 20 लाख रुपए है। गोपाल मंदिर की राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित के पंख है तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग 80 से 90 लाख के बीच आंकी गई है तथा इसमे लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 6,46,000 रुपए आंकी गई। राधाकृष्ण के नकसिक शृंगार के लिए लगभग साढ़े पांच लाख रुपए के जेवर हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया गया।

दोपहर से भगवान के दर्शन आम नागरिकों के लिये खोले दिए गए। रात्रि में 1 बजे के बाद भगवान के उक्त आभूषण पुलिस बल के साथ जिला कोषालय में जमा कराए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण मंदिर में पुलिस बल तथा क्लॉज सर्किट कैमरे लगाकर पल-पल की वीडियोग्राफी कराई जा रही है।

25 लाख के प्राचीन बर्तनों में सजेगा भोग
भगवान के भोजन इत्यादि के लिए भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया जाएगा। लगभग 25 लाख रुपए कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान का भोग अराधना होगी। जिनमें भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्री है।

जन्माष्टमी पर सितारों का महासंयोग
19 अगस्त को महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव और छत्र नाम के शुभ योग रहेंगे साथ ही कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति नाम के राजयोग बन रहे हैं। इस तरह जन्माष्टमी पर इन आठ योगों का महासंयोग पिछले 400 सालों में नहीं बना। इन योगों में पूजा करने से पुण्य फल और बढ़ जाएगा। खरीदारी और नई शुरूआत के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा।

विधि : ब्रह्म मुहूर्त से अगले दिन तक
जन्माष्टमी के ब्रह्म मुहूर्त से अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक व्रत करना चाहिए। इसके बाद अगले दिन रोहिणी नक्षत्र खत्म होने पर व्रत खोलने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। हालांकि कुछ लोग रात में 12 बजे के बाद ही व्रत पूरा कर देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। जानकारों का कहना है कि कोई व्रत अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख से नहीं बल्कि सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक रहता है।

नियम : सूखे मेवे, फल खाएं
उपवास में सेहत और स्थिति के अनुसार फलों का जूस और सूखे मेवे लिए जा सकते हैं। दिन में थोड़ा फलाहार भी ले सकते हैं। शाम को पूजन के बाद राजगीरा, सिंघाड़ा, आलू से बनी चीजें खाई जा सकती हैं। आरती के बाद दूध पी सकते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जिन महिलाओं के छोटे बच्चे हो, उन्हें कुछ जरूर खाना चाहिए।

 

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