अब ट्रेन में बतौर आईडी मान्य होगा डिजिटल Aadhaar

ट्रेन में यात्रा करते हुए क्या आपको आर्इडी प्रूफ गुम हो जाने की चिंता रहती है? अब आपको इसे लेकर परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। रेलवे अब आपके आधार और ड्राइविंग लाइसेंस की सॉफ्ट कॉपी स्वीकार करेगा। शर्त यह है कि उन्हें डिजिलॉकर में स्टोर किया गया हो।

क्या है डिजिलॉकर?
यह एक तरह की डिजिटल स्टोरेज सेवा है। इसे सरकार ऑपरेट करती है। भारतीय नागरिक इस डिजिलॉकर में क्लाउड पर अपने कुछ आधिकारिक दस्तावेज स्टोर कर सकते हैं। रेलवे ने अपने सभी जोनल चीफ कमर्शल मैनजरों को इस बारे में सूचित कर दिया है। उनसे कहा गया है कि ऐसी सेवा के लिए इन दोनों पहचान पत्रों को पैसेंजर के मान्य आर्इडी प्रूफ के रूप में स्वीकार किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि अगर यात्री अपने डिजिलॉकर अकाउंट में लॉग-इन करके 'इश्यूड डॉक्यूमेंट' सेक्शन से आधार या ड्राइविंग लाइसेंस दिखाता है तो इन्हें मान्य आईडी प्रूफ के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। वैसे, इसमें साफ किया गया है कि यात्री की ओर से खुद अपलोड किए गए दस्तावेज जो 'अपलोडेड डॉक्यूमेंट' सेक्शन में हैं, उन्हें मान्य आईडी प्रूफ के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के हिस्से के तौर पर अभी डिजीलॉकर में डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और आधार को स्टोर किया जा सकता है। क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म ने सीबीएसई के साथ भी करार किया था। इसका मकसद छात्रों को मार्कशीट का डिजिटल वर्जन मुहैया कराना है। सब्सक्राइबर डिजिलॉकर से अपने पैन को भी जोड़ सकते हैं।

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