प्रदेश में उद्योगपतियों को ऑनलाइन रियायती भूमि देगी सरकार

भोपाल
प्रदेश में निवेश के इच्छुक उद्योगपतियों और निवेशकों को अब औद्योगिक इकाईयों की स्थापना करने दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलने वाली है। वे अपने घर बैठे देख सकेंगे कि पूरे प्रदेश में किस जिले में कितने औद्योगिक भूखंड, किस कीमत पर उपलब्ध है। इन्हें लेने के लिए वे आॅनलाईन आवेदन कर सकेंगे।
 
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग सभी औद्योगिक भूखंडों की जियो मैपिंग कराने जा रहा है। दो माह बाद यह सुविधा निवेशकों को उपलब्ध हो जाएगी। प्रदेश में एमएसएमई के पास 194 इंडिस्ट्रियल पार्क उपलब्ध है। इनमें विभाग ने औद्योगिक भूखंड विकसित किए है। लगभग दो हजार प्लाट अभी विभाग के पास उपलब्ध है। ये भूखंड चार हजार से पचास हजार वर्गफिट तक के साइज में उपलब्ध है। इन इंडस्ट्रियल पार्को में सर्वाधिक भूखंड इंदौर और धार जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध है। राज्य सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी की सुविधा सहित, सीवरेज लाईन, नालियों को विकसित कर भूखंड तैयार करती है। ये भूखंड औद्योगिक इकाई की स्थापना करने के पात्र निवेशकों को बाजार में उपलब्ध औद्योगिक उपयोग की भूमि की कीमत से 25 से 30 प्रतिशत दर पर ही उपलब्ध कराए जाते है।

एमएसएमई विभाग ने छोटी इकाईयों को प्रोत्साहन स्वरूप सहायता प्रदान करने के लिए आॅनलाइन एप्लीकेशन विकसित की है। जिसमें वे विभाग की पोर्टल पर जाकर आॅनलाईन आवेदन कर सकेंगे। जियो मैपिंग से औद्योगिक क्षेत्र की सारी जमीनों का ब्यौरा इस पोर्टल पर उपलब्ध होगा। किस जिले में कितने आकार के विकसित औद्योगिक उपयोग वाले भूखंड उपलब्ध है। सरकार ने उनके लिए क्या कीमत तय कर रखी है। संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में किस मार्ग से होकर पहुंचा जा सकता है। उसकी गूगल लोकेशन, जमीन का नक्शा, आकार, कीमत सारी जानकारी निवेशकों को एमएसएमई विभाग की पोर्टल खोलते ही मिल जाएगी। इसके लिए वे आॅनलाईन आवेदन कर सकेंगे। भूखंड की जमीन उसके निर्धारित मूल्य के साथ आॅनलाईन जमा किए जा सकेंगे। इसके बाद विभाग आॅनलाईन ही यह औद्योगिक भूखंड संबंधित औद्योगिक इकाई के संचालक को आवंटित कर देंगे। ईज आॅफ डुइंग बिजनेस को सुनिश्चित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग करने की कड़ी में यह सारी कवायद की जा रही है।

यह जानकारी भी रहेगी मौजूद
किस औद्योगिक इकाई को कितनी जमीन कब दी गई थी उसने वहां उत्पादन कम प्रारंभ किया। यदि औद्योगिक इकाई ने उत्पादन शुरु नहीं किया। इकाई की स्थापना नहीं की और उसकी लीज निरस्त की गई है और उससे यह भूखंड वापस लेने की कार्यवाही सरकार कर रही है तो यह सारी जानकारी भी विभाग के पास उपलब्ध रहेगी।

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