एक और नीतीश की राह में रोड़ा, ‘देश का नेता केसीआर’ के नारे लगे; टीआरएस बनी भारत राष्ट्र समिति

पटना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की राह में एक और रोड़ा आ गया है। विपक्षी एकजुटता में नीतीश का साथ दे रहे केसीआर ने पीएम कैंडिडेट के रूप में ताल ठोक दी है। हैदराबाद में टीआरएस की जगह नई राष्ट्रीय पार्टी 'भारत राष्ट्र समिति' की लॉन्चिंग के दौरान 'देश का नेता केसीआर' के नारे लगे। साथ ही पार्टी के पोस्टरों में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (केसीआर) को देश का भावी पीएम बताया गया। इससे 2024 में पीएम बनने का सपना देख रहे नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

कुछ दिन पहले केसीआर और नीतीश कुमार की पटना में मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं में 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने पर सहमति बनाई। इसके बाद से नीतीश कुमार खुद को विपक्षी दलों के अगुवा के रूप में पेश कर रहे हैं। उनके 2024 में विपक्ष का पीएम कैंडिडेट बनने के कयास भी जोर-शोर से लगाए जा रहे हैं। मगर अब केसीआर के भी पीएम पद हेतु ताल ठोकने के बाद उनकी राह में एक और बाधा आ गई है। अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी जैसे कई अन्य नेताओं की भी नजर पीएम पद पर टिकी हुई है। ऐसे में नीतीश कुमार की विपक्षी दलों को एकजुट करने के कदम का कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है।

नीतीश-केसीआर में बढ़ेगी तल्खी?
भारत राष्ट्र समिति (पूर्व की टीआरएस) के कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद में बुधवार को तेलंगाना सीएम के समर्थन में देश का नेता केसीआर के नारे लगाए। केसीआर ने नई पार्टी लॉन्च करके साफ कर दिया है कि वे अब तेलंगाना तक ही सीमित नहीं रहने वाले हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में वे अहम भूमिका निभाने वाले हैं। वे अपनी पार्टी का दूसरे राज्यों में भी विस्तार करेंगे। केसीआर के समर्थक उन्हें भावी पीएम बता रहे हैं। इससे नीतीश कुमार और जेडीयू नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने वाली हैं। जेडीयू समर्थक पहले ही नीतीश कुमार को देश का नेता मान चुके हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो अब तक दोस्त कहे जा रहे नीतीश और केसीआर में पीएम पद को लेकर तल्खी पैदा हो सकती है।

कांग्रेस भी नहीं चाहती राहुल गांधी के अलावा कोई पीएम बने
नीतीश कुमार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस है। उनका मानना है कि कांग्रेस के बिना देश में बीजेपी विरोधी गठबंधन करना नामुमकिन है। जबकि, आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ है। ममता बनर्जी भी कांग्रेस और वाम दलों को गठबंधन के साथ गठबंधन पर सहमत नहीं होगी। कांग्रेस अगर विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन में शामिल भी हो जाती है तो राहुल गांधी के अलावा किसी अन्य नेता के पीएम उम्मीदवार बनने पर राजी नहीं होगी। जबकि नीतीश जैसे नेता खुद को पीएम की रेस में आगे देखना चाहते हैं। पिछले दिनों नीतीश कुमार की आरजेडी सुप्रीम लालू यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। मगर इससे कुछ खास निकलकर नहीं आया।

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