ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरून ने सात साल पहले ही कर दी थी भविष्‍यवाणी

लंदन

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले एशियाई और हिंदू प्रधानमंत्री बन गए है। अभी दो महीने पहले की ही बात है जब उन्‍हें लिज ट्रस के हाथों शिकस्‍त का सामना करना पड़ा था। लेकिन सोमवार को 100 से ज्‍यादा सांसदों के समर्थन के साथ ही सुनक आखिरकार ब्रिटिश पीएम बन ही गए। उनकी प्रतिद्वंदी पेनी मॉर्डान्‍ट ने अपना नाम वापस ले लिया और ताज सुनक के सिर सज गया। सुनक एक दिन पीएम बनेंगे इस बात की भविष्‍यवाणी सात साल पहले ही हो गई थी। पूर्व पीएम डेविड कैमरून ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके सुनक के देश का प्राइम मिनिस्‍टर बनने की बात कह डाली थी।

पहली बार बने थे सांसद
साल 2015 में पीएम मोदी ब्रिटेन के दौरे पर गए थे। यहां पर वेम्‍ब्‍ले एरिना में अप्रवासी भारतीयों की तरफ से एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसी दौरान कैमरून ने पीएम मोदी से कहा था, 'बहुत जल्‍दी 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट पर एक ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री का शासन होगा।' उन्‍होंने सुनक का नाम नहीं लिया था ल‍ेकिन यह वही समय था जब नए पीएम रिचमंड (यॉर्क्‍स) के सांसद के तौर पर अपनी किस्‍मत आजमा रहे थे। उनकी पॉपुलैरिटी भी बढ़ती जा रही थी।

10 डाउनिंग पर सुनक
सोमवार को भारत में जब दिवाली की पूजा की तैयारियां जारी थी, शाम 6:30 बजे सुनक की ताजपोशी की खबर आई थी। 1:59 पर जब मॉर्डान्‍ट ने अपना नाम वापस लिया तो तय हो गया कि एक ब्रिटिश-भारतीय का शासन होगा। मॉर्डान्‍ट ने कहा, 'यह साफ हो चुका है कि मेरे साथियों को लगता है सुनक ही इस समय की जरूरत हैं। उन्‍होंने यह फैसला पूरे विश्‍वास में लिया और यही देश हित में है।' इसके साथ ही उन्‍होंने सुनक को अपना समर्थन दे दिया। इसके बाद जो हुआ वह इतिहास है।

सबसे युवा पीएम
सन् 1812 के बाद सुनक देश के पहले युवा पीएम हैं जो 42 साल की उम्र में ही 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट पहुंच गए हैं। उनसे पहले रॉबर्ट जेन्‍किन्‍सन जो लीवरपूल के दूसरी अर्ल थे, वह ब्रिटेन के पीएम बने थे। जेन्‍किन्‍सन का भी भारत से एक करीबी नाता था। रनकी मां की दादी का जन्‍म कोलकाता में हुआ था और उनके वंशज भारत में रहने वाले पुर्तगाली थे।

सुनक के सामने चुनौतियां
सुनक पर अब नई जिम्‍मेदारियां हैं। 180 से भी ज्‍यादा सांसदों ने उनका समर्थन जरूर किया है लेकिन पार्टी बंटी हुई है। उन्‍हें ब्रिटेन को आर्थिक संकट से निकालना है और देश में महंगाई को नियंत्रित करना है। ब्रिटेन इस समय आसमान छूती महंगाई से जूझ रहा है। पिछले हफ्ते देश के गृहमंत्री का पद संभालने वाले ग्रांट शैप्‍स सुनक के पीएम बनने को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं देते हैं। उन्‍होंने यह तो माना कि यह एक यादगार पल है लेकिन यह भी कहा कि यह कोई ऐसा मौका भी नहीं है जिसे असाधारण करार दिया जाये।

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