सीतामढ़ी का कलेक्ट्रेट ऑफिस हुआ ISO सर्टिफाइड, बने और कई रिकॉर्ड

पटना
बिहार के पिछड़े जिलों में से एक सीतामढ़ी का कलेक्ट्रेट ऑफिस प्रदेश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड कलेक्ट्रेट ऑफिस बन गया है. सीतामढ़ी बिहार का सबसे पहला खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिला बनने जा रहा है.

सीतामढ़ी के कलेक्ट्रेट ऑफिस पर आईएसओ प्रमाणित 9001;2015 का बोर्ड लगा है. आईएसओ सर्टिफिकेशन उच्च गुणवत्तापूर्ण कार्य और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर प्रदान किया जाता है. मामले में जिलाधिकारी डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि नोएडा से आई टीम द्वारा दो दिन तक कार्यालय का निरीक्षण और कार्यपद्धति, पारदर्शिता, अनुशासन आदि को मानक मानते हुए यह सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.

जिलाधिकारी ने बताया कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस, सीसीटीवी, लोक शिकायत पद्धति, डिलीवरी मैकेनिज्म, सिटीजन चार्टर, लैंड रेवेन्यू में कलेक्शन आदि क्षेत्र में उम्दा कार्यों के आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है. यह ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की विश्व प्रसिद्ध संस्था JAS-ANZ द्वारा मानकों के आधार पर दिया गया है.

2008 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी डॉक्टर रणजीत कुमार सिंह का पैतृक गांव बिहार का वैशाली जिला ही है, लेकिन उन्होंने बताया कि गुजरात का अनुभव काम आया. 27 जुलाई को एक दिन में 40 लाख पेड़ लगाना उनका अगला लक्ष्य है.

इतना ही नहीं, सीतामढ़ी बिहार का सबसे पहला खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिला बनने जा रहा है. यहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक दिन में एक लाख 10 हजार गड्ढे खोदे गए और उन पर 100 घंटे में 70 शौचालय बनाए गए. जिले में एक दिन में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने वालों के बीच 115 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया. आमतौर पर शौचालय के निर्माण की राशि मिलने में लोगों को महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

इससे पहले सीतामढ़ी में सरकारी स्कूलों में एक दिन में 18 हजार छात्र-छात्राओं के नामांकान का रिकॉर्ड बना. वहीं शिक्षा जन आंदोलन के तहत 12 लाख लोगों की विशाल रैली भी निकाली गई, जो अब तक का रिकॉर्ड है.

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