वामपंथ से भी बदतर बंगाल में तृणमूल शासन, PM मोदी के 10 बड़े हमले

मेदिनापुर/कोलकाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही वामपंथी दलों पर भी निशाना. मिदनापुर में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज बंगाल की हालात उससे भी बदतर होती जा रही है.

पीएम मोदी ने कहा, 'हमने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए बांस को पेड़ की जगह घास माना जिससे किसान खेत में उसे उगा सकता है और काट कर बेच सकता है.' उन्होंने कहा, 'बंगाल में हुए पंचायत के चुनावों में हिंसा और आंतक का माहौल होने के बाबजूद जिस प्रकार से बंगाल की जनता ने भाजपा को समर्थन दिया है उसके लिए मैं जनता को धन्यवाद देता हूं.' प्रधानमंत्री के भाषण की 10 बड़ी बातें जिनमें उन्हें ममता बनर्जी सरकार के साथ वाम दलों को निशाना बनाया.

  1. दशकों के वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज बंगाल की हालात उससे भी बदतर होती जा रही है. बंगाल में नई कंपनी खोलनी हो, नए अस्पताल खोलने हों, नए स्कूल खोलने हों, नई सड़क बनानी हो, बिना सिंडिकेट को चढ़ावा दिए, उसकी स्वीकृति लिए, कुछ भी नहीं हो सकता.
  2. सिंडिकेट की मर्जी के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ भी करना मुश्किल हो गया है. ये सिंडिकेट है जबरन वसूली का, ये सिंडिकेट है किसानों से उनका लाभ छीनने का, ये सिंडिकेट है अपने विरोधी की हत्या करने वालों का, ये सिंडीकेट है गरीब पर अत्याचार करने का.
  3. मां-माटी-मानुष की बात करने वालों का पिछले 8 साल में असली चेहरा, उनका सिंडिकेट सामने आ चुका है. सिंडिकेट की मर्जी के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ भी करना मुश्किल हो गया है.
  4. देश आज परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है, स्वतंत्रता आन्दोलन के समय जिस प्रकार एक संकल्प लेकर उसे सिद्ध किया गया था वैसे ही समग्र देश में आज 'संकल्प से सिद्धि' की यात्रा आगे बढ़ रही है.
  5. स्वतंत्रता आन्दोलन हो, सामाजिक सुधार के कार्यक्रम हो, सामान्य मानवीय का सशक्तिकरण हो या फिर शिक्षा के उच्च मापदंड मेदिनीपुर ने इतिहास में अपना एक विशेष स्थान बनाया है.
  6. केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने किसानों को डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का निर्णय ले लिया है.
  7. किसानों को MSP सही मिले इसके लिए किसान मांग करते रहे, आन्दोलन करते रहे, लेकिन दिल्ली में बैठी सरकार ने किसानों की एक न सुनी.
  8. किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला किया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में हमारा स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर लगानी पड़ी, ये भाजपा की नहीं हमारे किसानों की विजय है.
  9. किसान को लाभ नहीं, गरीब का विकास नहीं, नौजवान को नए अवसर नहीं, .जगाई उन्नयन और मधाई उन्नयन' पश्चिम बंगाल की अब नई पहचान बनता जा रहा है.
  10. मैं ममता बनर्जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने स्वागत में पोस्टर लगाएं, यह किसानों की जीत है.
     

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