कोविड का प्रकोप भारत सरकार अलर्ट:40 दिन में कोरोना की चौथी लहर का खतरा,एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

 नई दिल्ली
दुनिया के सामने एक बार फिर कोरोना का संकट खड़ा हो गया है. चीन में संक्रमण तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. जापान में रिकॉर्ड मौतें हो रहीं हैं. इस बीच भारत में भी चौथी लहर का खतरा बढ़ गया है. एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि अगले 40 दिन बहुत मुश्किल होने वाले हैं, क्योंकि जनवरी में मामले बढ़ सकते हैं.

न्यूज एजेंसी ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि अगले 40 दिन बहुत गंभीर हैं, क्योंकि जनवरी में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं. हालांकि, सूत्रों का ये भी कहना है कि अगर नई लहर आती भी है तो भी न तो मौतों की संख्या बढ़ेगी और न ही अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ये अक्सर देखा गया है कि जब पूर्वी एशिया में कोरोना बढ़ता है तो उसके 30-35 दिन बाद भारत में भी नई लहर शुरू हो जाती है.

कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामले को देखते हुए लोग इस बात से चिंतित हैं कि क्या भविष्य में भारत में भी कोरोना की चौथी लहर आएगी? चीन में कहर बरपा रहे ओमिक्रॉन का BF.7 वैरिएंट के केस भारत में मिलने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का भी कहना है कि भारत में जनवरी महीने में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं और अगले 40-45 दिन काफी अहम होंगे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब-जब चीन में कोरोना की लहर आई है, उसके करीब 40 दिन बाद भारत में भी कोविड केसों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

'आईआईटी कोरोना मॉडल' देने वाले प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने भारत में कोरोना की नई लहर के सवाल पर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिन कठिन हो सकते हैं. लेकिन भारत में पैनिक होने का कोई कारण मुझे नजर नहीं आ रहा है. 'आईआईटी कोविड सूत्र' बनाने में प्रोफेसर अग्रवाल ने अहम भूमिका निभाई थी

उन्होंने ये भी कहा है कि चीन में जब तक 90 फीसदी आबादी कोरोना पॉजिटिव नहीं हो जाएगी तब तक चीन में कोरोना के केस बढ़ते रहेंगे.

प्रोफेसर ने बताए चीन में कोरोना केस बढ़ने के कारण

आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि अक्टूबर महीने के अंत तक चीन की कुल आबादी की 5 फीसदी लोगों में भी नेचुरल इम्यूनिटी नहीं बनी थी. जबकि नवंबर अंत तक भी ये आंकड़ा 20 फीसदी के नीचे रहा जिसके कारण कोरोना का यह वैरिएंट चीन में बहुत तेजी से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि अभी भी चीन की 60 फीसदी लोगों में इम्यूनिटी नहीं बन पाई है.  

उन्होंने यह भी कहा कि ज्यों ही चीन की ज्यादातर आबादी में कोविड के खिलाफ नेचुरल इम्यूनिटी आ जाएगी, वहां हालात सुधरने लगेंगे. उन्होंने कहा कि भारत और अन्य देशों में ओमिक्रॉन लहर का विस्तार से विश्लेषण करें तो इससे यही पता चलता है कि नेचुरल इम्यूनिटी कोविड-19 से बचाव का सबसे कारगर हथियार है.

चीन में सबसे बुरा दौर

प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार, सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी के कारण चीन के लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी नहीं बन पाई. उन्होंने कहा कि चीन के लिए यह सबसे बुरा समय है क्योंकि चीन की एक बड़ी आबादी के पास नेचुरल इम्यूनिटी नहीं है और सरकार कोविड प्रतिबंध में ढील दे रही है.

अग्रवाल ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आने वाला कुछ दिन कठिन लग रहा है क्योंकि कोरोन चीन में बचे हुए लोगों को भी अपनी चपेट में लेगा. उन्होंने कहा कि जब तक चीन की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी कोरोना के चपेट में नहीं आ जाएगी चीन में कोरोना के केस बढ़ते रहेंगे.

भारत में पैनिक होने की जरूरत नहीं

भारत में कोरोना की चौथी लहर पर पूछे गए सवाल पर प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि भारत की कुल आबादी की 98 फीसदी से भी ज्यादा लोगों के पास नेचुरल इम्यूनिटी बन चुकी है. इसलिए भारतीयों को ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ साइंटिस्ट ने क्या कहा

विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना की भविष्यवाणाणी करना कठिन है. यह धीरे-धीरे स्थानिक संक्रमण (endemic infection) की तरह हो जाएगा. लेकिन टीकाकरण इससे बचने का एक प्रमुख और कारगार उपाय है. जब तक मिक्सड वैक्सीन नहीं है तीसरे डोज को बचाव के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की तीसरा डोज लोगों के अंदर पर्याप्त मात्रा में इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि वैक्सीन कोरोना के गंभीर संक्रमण या मृ्त्यु को रोकने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की चौथी डोज की आवश्यकता है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन हमें लगता है कि कोरोना की दो प्राथमिक डोज और एक बूस्टर डोज काफी हैं.

भारत के लिए अगले 40 दिन मुश्किल

दुनियाभर में कोविड के प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार अलर्ट हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जनवरी महीना भारत के लिए भारत के लिए मुश्किल हो सकता है. मंत्रालय ने यह अनुमान ईस्ट एशिया क्षेत्र में कोविड के पिछले लहर को देखते हुए लगाया है. इससे पहले भी कोरोना ने एशिया के पूर्वी क्षेत्र को चपेट में लेने के 30 से 35 दिनों के बाद भारत में दस्तक दी थी.

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