लाल आतंक के खिलाफ एग्रेसिव मोड में फोर्स, छह महीने में मारे 70 माओवादी

बीजापुर

तीन दशकों से माओवादी हिंसा का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ में अब फोर्स एक्शन मोड में नजर आ रही हैं. बारिश होने के वाबजूद भी पुलिस जवान लगातार माओवादियों के गढ़ में घुसकर उनको खदेड़ रहे हैं. सुरक्षा बल के जवान माओवादी इलाकों में लाल आतंक को खत्म करने के लिए विशेष रणनीति के तहत अपने आॅपरेशन चला  रहे हैं. पिछले छह महीनो में पुलिस जवानों ने माओवादी के साथ 100 से अधिक मुठभेड़ करके बड़ी कामियाबी हासिल की है.

सुरक्षा बल के जवानों ने छत्तीसगढ़ में साल 2018 में अभी तक 70 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है. इनमें से आठ माओवादियों को गुरुवार को ही बीजापुर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारने का दावा किया गया है. इसके अलावा बीते बुधवार को राजनांदगांव के जंगलों में हुई मुठभेड़ में पांच लाख रुपये की इनामी एक महिला माओवादी को सुरक्षा बल के जवानों ने मुठभेड़ में मारा. माओवाद हिंसा के खिलाफ सुरक्षा बल के जवान बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में एग्रेसिव मोड में दिखाई दे रहे हैं.

पिछले चार साल के आंकड़ो को देखें तो सबसे अधिक माओवादी बीजापुर जिले में पुलिस फोर्स ने मारे हैं. जबकि सबसे कम कांकेर जिले में माओवादी मारे गये हैं. छत्तीसगढ़ नक्सल आॅपरेशन के डीआईजी सुंदराज पी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ जवानों को लगातार कामयाबी मिल रही है. पुलिस फोर्स के पास लगे माओवादियों के गुप्त दस्तावेजों यह खुलासा हुआ हैं कि पिछले ढाई सालों में 400 से अधिक माओवादियों को मारने में पुलिस फोर्स कामयाब रही है. इनमें से 250 से अधिक माओवादियों के शवों को बरामद किया जा चुका हैं. हालांकि पुलिस फोर्स अभी तक 130 माओवादियों के शवों को बरामद नहीं कर पाई है.

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