कोरोना वैक्सीन लेने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, वैज्ञानिकों की नई रिसर्च में खुलासा

 नई दिल्ली 

कोरोना महामारी के खिलाफ बड़े हथियार में शामिल वैक्सीन ने दुनिया को बड़े संकट से बचाया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि वैक्सीन के चलते करोड़ों जिंदगियां बची। लेकिन, क्या ये वैक्सीन हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रही है? कई वैक्सीन सुरक्षा डेटाबेसों में से एक से प्रारंभिक डेटा का हवाला देते हुए अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि कोविड -19 के लिए फाइजर इंक की डोज ने कुछ लोगों में स्ट्रोक की संभावना बढ़ाई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट है कि यह संभावना 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों में देखी गई है। हालांकि अधिकारियों ने बयान में कहा कि इसका मतलब यह कतई नहीं कि टीका लेना बंद कर दें।

अमेरिकी अधिकारियों ने फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि फाइजर के टीके के साथ संभावित जोखिम को अन्य सुरक्षा डेटाबेस में नहीं देखा गया था और न ही इसे मॉडर्ना इंक के कोविड वैक्सीन के साथ देखा गया था। बयान में कहा गया है कि शुरुआती खोज में अभी और जांच की जरूरत है। इसलिए टीके की सिफारिशों को नहीं बदला गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रवक्ता क्रिस्टन नॉर्डलंड ने कहा, "जब हमें कोई संकेत मिलता है तो हम इसे सिस्टम के अन्य हिस्सों में ढूंढते हैं, जो कि हमने किया है। उन्होंने कहा कि सीडीसी के वैक्सीन सेफ्टी डेटालिंक में स्ट्रोक का संभावित लिंक देखा गया था। 

जांच में क्या निकलकर आया
जांच से एक सवाल उठा है कि क्या फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन लेने वाले 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों में इस्केमिक स्ट्रोक होने की संभावना अधिक है? उनके मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में कमी टीकाकरण के बाद ज्यादा देखी गई। बयान में कहा गया है, "डेटा से पता चलता है कि इसकी बहुत कम संभावना है। हालांकि अभी इस पर और प्रयोग और जांच होने बाकी हैं। यह शुरुआती चरण है, जिसमें ऐसी बातें सामने आई हैं।

सीडीसी के अनुसार, 65 और उससे अधिक उम्र के 550,000 लोगों में से जिन्हें टीका लगाया गया था और जिन्हें फाइजर बाइवेलेंट बूस्टर मिला था, उनमें से 130 को शॉट लगने के बाद पहले तीन हफ्तों में स्ट्रोक हुआ था। हालांकि किसी की भी मौत की सूचना नहीं है।
 

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