किताब पर कोहराम “कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा “में जिन्ना-सावरकर को बताया एक जैसा; BJP हुई हमलावर

भोपाल

मध्य प्रदेश में एक किताब पर सियासत गरमा गई है. किताब का नाम कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा है. भारतीय जनता पार्टी के नेता किताब में लिखे गए कंटेट पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं. किताब में आजादी की जंग में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और हिंदू महासभा जैसे अन्य संगठनों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा गया है.

कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा पुस्तक को पीसीसी चीफ कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने लिखा है. उन्होंने किताब में लिखा है कि कांग्रेस और आजाद हिंद फौज देश के स्वतंत्रता के लिए काम कर रही थीं. वहीं, दूसरी ओर मुस्लिम लीग और हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों की भूमिका काफी अलग थी. इन संगठनों ने हमेशा अंग्रेजों की तारीफ की.

मुस्लिम लीग ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी

किताब में लिखा गया है कि मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता मोहम्मद अली जिन्ना देश के विभाजन की प्रमुख वजह थे. मुस्लिम लीग के नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं लड़ी. ये तो अंग्रेजों की तारीफ करते थे. कुछ इसी तरह का रवैया दक्षिणपंथी संगठनों का भी रहा. इनमें प्रमुख रूप से आरएसएस और हिंदू महासभा जैसे संगठन थे. किताब में आजादी की जंग मेंजिन्ना और वीर सावरकर की भूमिका को एक जैसा बताया गया है.

बीजेपी के उदय में आरएसएस और हिंदू महासभा का योगदान

किताब के अनुसार, देश में भाजपा के उदय में आरएसएस और हिंदू महासभा का काफी योगदान है. इन्ही दोनों संगठनों की वजह से भाजपा उभर कर लोगों के बीच आई. किताब में लिखा गया है कि बीजेपी के नेता खुद को राष्ट्रवादी पार्टी के नेता के तौर पर अपनी पहचान बताते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि जब देश में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई चल रही थी, जिस समय राष्ट्रवाद दिखाने का सही समय था, तब बीजेपी के सहयोगी संगठन चुप बैठे थे और आजादी की लड़ाई का विरोध कर रहे थे.

कांग्रेस नेता के के मिश्रा के मुताबिक, नेहरू परिवार के बारे में लोग अच्छा इसलिए बोलते हैं कि क्योंकि उन्होंने देश की आजादी लड़ी थी. बीजेपी के किसी नेता ने स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया था. अगर दिया हो तो कोई मुझे बता दे. वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस आए दिन वीर सावरकर का अपमान करती रहती है. यह कोई नई बात नहीं है. वहीं, लेखक पीयूष बबेले के मुताबिक, किताब में जो भी बातें लिखी हैं, वह एकदम सच है. इतिहास को झुठलाया नहीं जा सकता. बीजेपी नेता बेवजह दुखी हो रहे हैं.

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