बागेश्वरधाम में सामूहिक विवाह समारोह की तैयारी, कन्याओं के लिए दूल्हों की ​खंगाल रहे कुंडली

छतरपुर

दिव्य दरबार और चमत्कार व लोगों से बिना बात किए कुंडली और परेशानी बताते वाले छतरपुर के बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर ​पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों विवादों में घिरे हैं। इधर उनके मंदिर के सेवक सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए आए दूल्हा-दुल्हनों की कुंडली खंगलाने में जुटे हैं। ठीक विजिलेंस की तरह वे घर-घर दस्तक देकर दूल्हों का कैरेक्टर, आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं तो दुल्हनों के परिवार की वास्तविक आर्थिक स्थित की पड़ताल कर रहे हैं।

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर को नागपुर की संस्था ने चमत्कार और दिव्य दरबार को लेकर चैलेंज किया तो वे चर्चाओं में आ गए। धर्म, चमत्कार, जादू-टोना को लेकर एक नई बहस छिड़ गई। वे रायपुर पहुंचे तो विवाद और मीडिया ने वहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा। दूसरी और उनके आश्रम और बालाजी सरकार के मंदिर बागेश्वरधाम में उनके द्वारा आयोजित कराए जा रहे गरीब कन्याओं के विवाह समारोह को लेकर भी चर्चा खूब जोरो पर है। फिलहाल उनके शिष्य व मंदिर कमेटी के सदस्य विवाह के लिए आए थोकबंद आवेदनों की पड़ताल घर-घर जाकर कर रहे हैं।

​बागेश्वर के शिष्य विजिलेंस की तरह कर रहे पड़ताल
बात दूल्हों के आवेदन की करें तो इसमें आवेदन को लेकर शिष्यमंडल संबंधित के घर जा रहा है, एक निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी दर्ज कर रहा है। इसमें दूल्हे का कैरेक्टर, धार्मिक जानकारी, वह जुआरी, शराबी या अन्य व्यवसन में तो नहीं है। दूल्हे का चरित्र कैसा है। उसकी ​आर्थिक स्थिति कैसी है, वह रोजगार, नौकरी, धंधा क्या करता है। परिवार में माता-पिता की स्थिति से लेकर तमाम जानकारी जुटाई जा रही है। इसी तरह कन्या को लेकर भी जानकारी ली जा रही है कि वे वास्तव में गरीब हैं या नहीं। कन्या के पिता और परिवार की ​आर्थिक स्थिति क्या है, उसके पिता कितना कमाते हैं। यदि पिता नहीं है तो घर में कौन है जो संभालता है, जैसे विषयों पर जानकारी जुटाई जा रही है।

18 फरवरी को विवाह सम्मेलन, 121 विवाह होंगे, आवेदन पांच गुना

बागेश्वरधाम मंदिर परिसर में आगामी 18 फरवरी महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर कमेटी पर सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन कर रही है। इसमें 121 गरीब बेटियों की के विवाह कराए जाएंगे। इसमें आवेदन और बायोडाटा लगभग 550 से अधिक आए हैं। मंदिर कमेटी का प्रयास है कि इसमें सबसे पहले उन्हीं को प्राथमिका दी जाए जो कन्याएं और लड़के वास्तव में गरीब और जरुरतमंद हैं, इसलिए घर-घर जाकर सबसे जरूरतमंद कन्याओं का चयन किया जा रहा है। बता दें कि बीते चार साल से यहां पर गरीब कन्याओं के विवाह समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। बीते साल 108 कन्याओं के फेर पड़वाए गए थे।

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