अडाणी ग्रुप पर लगे धोखाधड़ी के आरोप गंभीर, सदन में हो चर्चा; AAP सांसद संजय सिंह की मांग

 नई दिल्ली 

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने अडाणी ग्रुप पर लगे गंभीर आरोपों की चर्चा कराने की मांग सदन में उठाई है। संजय सिंह ने सभापति से आग्रह किया है कि नियम 267 के तहत सदन के अन्य कार्यों को स्थगित कर अडाणी ग्रुप (Adani Group) द्वारा कथित तौर से किये गये धोखाधड़ी जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा की जाए। इस मुद्दे को जनहित से जुड़ा मुद्दा बताते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद ने चर्चा कराने के लिए जो नोटिस दिया है उसमें लिखा है कि कॉरपोरेट समूह अडाणी द्वारा बड़े स्तर पर शेयरों में हेरफेर, आर्थिक गड़बड़ी और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आप सांसद ने दावा किया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अडाणी ग्रुप के 81 हजार करोड़ रुपये से अधिक कीमत का शेयर होल्डर है और एलआईसी को लगभग 16,580 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।   

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए आप सांसद ने दावा किया है कि इस रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि भारतीय स्टेट बैंक सहित कई सरकारी बैंकों के भी करोड़ों रुपये दांव पर हैं क्योकि वर्तमान समय में अडाणी ग्रुप पर 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। अडाणी ग्रुप की 7 लिस्टेड कंपनियों को 85 प्रतिशत से ज्यादा अधिमूल्यन किया गया है। आप सांसद ने यह भी दावा किया है कि समूह के कई अधिकारियों पर पहले से ही धोखाधड़ी और आपराधिक मामले दर्ज हैं। आप सांसद ने समूह पर वित्तिय गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराए जाने की भी मांग की है।  

गौतम अडाणी ने रखी अपनी बात

'हिंडनबर्ग रिसर्च' की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में अरबों डॉलर की गिरावट आई है। समूह पर लग रहे आरोपों के बीच खुद उद्योगपति गौतम अडाणी ने अपनी बात रखी है। गौतम अडाणी ने कहा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद FPO को वापस लेने का फैसला किया गया। बता दें कि अडाणी एंटरप्राइजेज' ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी।

अडाणी ने बृहस्पतिवार को निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा, 'एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।'  उन्होंने कहा कि इस फैसले का मौजूदा कामों और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा। अडाणी ने कहा, 'हम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे।' अडाणी ने दावा किया कि कंपनी की बुनियाद मजबूत है। उन्होंने कहा, 'हमारा बही-खाता सही और परिसम्पत्तियां मजबूत हैं। ऋण चुकाने का हमारा रिकॉर्ड बेदाग है। हम लंबी अवधि के मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और विकास कार्य आंतरिक संसाधनों द्वारा किए जाएंगे।'
 

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