शिप्रा नदी में मिले थे गाय के कटे सर का राज पड़ताल से खुलेगा

उज्जैन

उज्जैन के सिंहस्थ बायपास मार्ग ओव्हरब्रिज के पास शिप्रा नदी से गायों के साथ कटे हुए सर मिलने पर हिंदूवादी संगठनों ने जमकर हंगामा मचाया था, इस दौरान आक्रोश जताते हुए हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की थी, जिस पर नीलगंगा थाना पुलिस ने जसवंतसिंह ठाकुर निवासी सेंटपाल की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गोवंश अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज भी किया था।

इस पूरे मामले में पुलिस को एक महत्वपूर्ण जानकारी लगी है, जिस पर यदि पुलिस खोजबीन करती है तो इस मामले को सुलझाने में मदद मिल सकती है। बताया जा रहा है कि शिप्रा नदी से गोवंश के जो सात कटे सर मिले थे, उनमें से गोवंश के दो सरों पर नगर निगम द्वारा दिए जाने वाले नंबर 100629 और 108184 लिखे हुए थे। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार इन नंबरों की खोज करने से यह जानकारी हासिल की जा सकती है कि आखिर यह गोवंश किसके थे यह गाय आखिर शिप्रा नदी के तट तक किस अवस्था में पहुंची। इसकी जानकारी भी इन गायों के मालिकों तक पहुंचने के बाद लग सकती है। वैसे इस मामले में नीलगंगा थाने के एसआई लक्ष्मण उइके जांच करने में जुटे हैं।

हिंदूवादी नेता पिंटू कौशल ने बताया कि नगर निगम ने कुछ समय पहले मवेशियों पर नजर रखने के लिए मवेशियों को आईडी नंबर जारी किए थे। इसमें मालिक का नाम और पता भी दर्ज था। इसके लिए मवेशी के साथ ही उसके मालिक की जानकारी भी एकत्रित की गई थी, जिससे निगम प्रशासन शहर में आवारा घूमते मवेशियों के मालिकों के खिलाफ आसानी से कार्रवाई कर सके। पिंटू कौशल ने बताया कि इन नम्बरों के आधार पर पुलिस गायों के मालिक तक पहुँचे और फिर उसके बाद पता लगाएं की शिप्रा नदी में गायों के अवशेष आखिर किसने फेंके।

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