प्रदेश पुलिस की वर्दी पर लगातार लग रहे दाग ने PHQ की चिंता बढ़ाई

भोपाल

प्रदेश पुलिस की वर्दी पर लगातार लग रहे दाग ने पुलिस मुख्यालय की चिंता बढ़ा दी है। फरवरी महीने में पुलिस अफसरों और जवानों द्वारा अड़ीबाजी करने के एक के बाद एक तीन मामले सामने आये हैं।  मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि पुलिस की छवि खराब न हो, ऐसे में इस तरह के मामले सामने आने के बाद पुलिस की छवि को लेकर पीएचक्यू चिंता में हैं। इस संबंध में सभी पुलिस अधीक्षकों के साथ ही पुलिस से जुड़ी संस्थाओं के प्रमुखों को जल्द ही निर्देश जारी हो सकते हैं। इन तीनों ही मामलों को डीजीपी सुधीर सक्सेना ने गंभीरता से लिया है। उनकी इन सभी मामलों में अन्य अफसरों से बातचीत भी हुई है।

अब वे सभी पुलिस अधीक्षकों को बाकी के काम काज के साथ ही अपने जिला बल में पदस्थ अधिनस्थों के ऐसे कामों पर भी नजर रखने के निर्देश देने वाले हैं। वे इस मामले में सख्त रूख भी अपना सकते हैं। इसके चलते ही भोपाल पुलिस ने कई थानों में पदस्थ उपनिरीक्षक से लेकर आरक्षक तक की पदस्थापना में बदलाव किया है। इनमें से कुछ को लाइन में भेजा गया है। इसी तरह अन्य जिलों में भी इस तरह के फेरबदल होंगे।

केस -1

विदिशा जिले के गंजबासौदा में नागरिक सहकारी बैंक के सीईओ को नकली लोकायुक्त पुलिस अधिकारी बनकर एक लाख की अड़ीबाजी की थी।  दो व्यक्ति नकली लोकायुक्त पुलिस अधिकारी बनकर बैंक अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति का फर्जी नोटिस देने पहुंचे थे। एक जालसाज खुद को भोपाल लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में पदस्थ कार्यवाहक डीएसपी योगेश कुरचानिया बता रहा था। अड़ीबाजी के इस पूरे मामले में कुरचानिया की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर  निलंबित किया गया।

केस -2

भोपाल के कोलार निवासी गौरव जैन, ज्वैलरी व मसाला के व्यापारी हैं। कोलार थाने के आरक्षक देवेंद्र श्रीवास्तव व रोहित शर्मा ने अपने दो अन्य साथियों के साथ गौरव को पिस्टल की नोंक पर बंधक बनाकर साढ़े पांच लाख रुपये की वसूली की थी। गौरव जैन ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत गृह मंत्री, डीजीपी और पुलिस आयुक्त से की थी। मामला सामने आने के बाद आरक्षक देवेंद्र व रोहित समेत चार लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। दोनों को सेवा से बर्खास्त कर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल को लाइन अटैच कर दिया था।

केस -3

आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के पूर्व अधिकारी इतेंद्र चौहान वर्तमान में खंडवा पुलिस लाइन में पदस्थ हैं। उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर आरबीआई-सीबीआई अधिकारी के नाम पर एक स्कूल की संचालिका के ज्वेलर्स बेटे को अपना निशाना बनाया और छह महीने की अवधि में डरा-धमकाकर करीब सात करोड़ की अड़ीबाजी की। इसमें नवंबर 2022 तक आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ में पदस्थ रहे उप निरीक्षक इतेंद्र चौहान भी शामिल थे  इसमें इंदौर क्राइम ब्रांच के कुछ और लोगों की भूमिका भी बताई जाती है।

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