आईएनएस-विक्रांत घोटाला मामले में याचिका दायर करेंगे राउत

कोल्हापुर

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने  चेतावनी दी कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया और अन्य 28 अन्य के खिलाफ कथित आईएनएस विक्रांत घोटाला मामले में याचिका दायर करेंगे।

शहर के दो दिवसीय दौरे पर आए राउत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सोमैया ने भारतीय नौसेना पोत 'आईएनएस-विक्रांत' की स्क्रैपिंग से जुड़े मामले में करोड़ों रुपये जुटाए हैं। सोमैया ने कहा था कि वह यह पैसा राज्य के राज्यपाल के कार्यालय में जमा करा देंगे, जो अभी तक जमा नहीं कराये गये हैं । फिर राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार के सत्ता में आने के बाद क्लीन चीट देकर चल रही जांच को बंद कर दिया गया।”

राउत ने कहा कि ईओडब्ल्यू के जरिए अन्य 28 लोगों को भी इसी तरीके से क्लीन चीट दी तथा इसी संदर्भ में उन्होंने इस घोटाले के खिलाफ फिर से कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया है।

राउत ने कहा कि सरकार का विरोध करने वालों को फर्जी मुकदमों में जेल में डाल दिया गया है, लेकिन ऐसे लोगों को जो विपक्ष को परेशान कर रहे हैं, उन्हें अगले साल होने वाले चुनाव में हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि यहां तक कि मुंबई के आयुक्त इकबाल सिंह ने भी साफ किया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोविड के दौरान अच्छा काम किया था, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के नेता ठाकरे को परेशानी दे रहे थे और कोरोना काल के दौरान कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि ऐसा कोई मामला नहीं था। सोमैया को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए, जहां कोरोना के कारण बहुत सारे लोग मारे गए थे।

हाल ही में सिद्धगिरि कनेरी मठ में सुमंगलम पंचमहाभूतम लोकोत्सव के दौरान बासी खाना खाने के कारण गायों के मरने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की तुलना पालघर में साधुओं की मौत से करते हुए राउत ने कहा कि यह एक जैसे ही मामले थे। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा कार्यकर्ताओं के कनेरी मठ जाने के बाद इस तरह की घटना होने पर हैरानी जताई।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कसाबा और चिंचवाड़ उपचुनाव में प्रचार करते समय सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया है।

 

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