किसानों की मांग पर राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

  • तालाब की गाद(मिट्टी) डालने से जैविक कृषि को मिलेगा बढ़ावा
  • सिंचाई तालाबो की उपजाऊ मिट्टी खेतों में डालने की मिले अनुमति

बड़वानी
 राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी से क्षेत्र के किसानों ने की मांग सिचाईं तालाबो से ऊपजाऊ मिट्टी निकाले की मिले अनुमति जिससे फसल की उत्पादन क्षमता में हो वृद्धि।

राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह ने किसानों द्वारा की गई मांग पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया कि मध्यप्रदेश में बने सिचाईं तालाबो की उपयोगिता कृषि के लिए अति महत्वपूर्ण है, इनसे लाखो किसान  रबी की फसल की सिंचाई करते है,जिससे आपके कुशल नेतृत्व में कृषि उत्पादन को लेकर मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बना है।
सांसद डॉ. सोलंकी ने बताया कि इन तालाबो में क्षमता के अनुसार बारिश के पानी का संग्रहण आवश्यक होता है ताकि पर्याप्त सिचाईं हो सके। लेकिन वर्षाकाल में इन तालाबों में नदी-नालों से मिट्टी बहकर आने से जल भराव की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिससे सिचाईं का रकबा कम होता है।

यदि शासन द्वारा इस गाद(मिट्टी) को निःशुल्क निकालने की अनुमती किसानों को दी जाती है,तो इससे शासन को किसी भी प्रकार का खर्च वहन नही करना पड़ेगा इससे तालाबो की जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी। तालाबो में प्रायः ओवर फ्लो होने पर तालाब को पाल/मेड़ से गली इरोजन की स्थिति निर्मित होती है, जिससे बचाया जा सकेगा।

 जल संग्रहण अवधि बढ़ने से आसपास के क्षेत्र में जल स्तर बढ़ेगा तथा कुंए व नलकूप रिचार्ज होंगे। इसी के साथ गाद के खेतों में डालने से भूमि के उपजाऊपन में वृद्धि होगी जिससे प्राकृतिक तथा जैविक खेतो को भी बढ़ावा मिलेगा। इस गाद में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है,जो फसलों के लिए उपयोगी होकर उत्पादन में वृद्धि करती है। गाद के उपयोग से रासायनिक उर्वरक की कम आवश्यकता होती है।

इसलिए मध्यप्रदेश के समस्त तालाबो से निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति किसानों को दी जानी चाहिए ताकि सिचाईं की क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही भूमि के उपजाऊपन में वृद्धि होने का लाभ किसानों व आम जनता को मिल सकेगा।

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