पहलवानों के समर्थन में उतरी शरद पवार की पार्टी, महाराष्ट्र में लॉन्च किया ‘NCP विद चैंपियंस’

मुंबई

भारतीय पहलवान महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली महिला पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने महाराष्ट्र में 'एनसीपी विद चैंपियंस' अभियान चलाने का फैसला किया है। एनसीपी विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और जिलाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के खिलाड़ियों से बैठक कर या उनके आवास पर जाकर उनसे मिलें और बात करें।

बैठक के दौरान नेताओं को इस मामले पर खिलाड़ी के विचार जानने के लिए भी कहा गया है। साथ ही यह भी समझने के लिए कहा गया है कि क्या वे किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्हें खिलाड़ियों को पहलवानों के विरोध और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में बताने का भी काम सौंपा गया है। एनसीपी ने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे इन बैठकों की तस्वीरें लें और वीडियो बनाएं और उन्हें हैश टैग 'एनसीपी विद चैंपियंस' के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करें। यह अभियान अगले एक सप्ताह यानी आठ जून तक चलाया जाएगा।

महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल ने गुरुवार शाम को एक फेसबुक लाइव में इस अभियान की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अपनी मेहनत और उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित करने वाले खिलाड़ियों से इस तरह का संवाद करने की जरूरत है। पाटिल ने कहा, "एनसीपी पहलवानों द्वारा शुरू किए गए विरोध का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती थी, लेकिन दिल्ली में जो कुछ हो रहा है उसकी पृष्ठभूमि में राज्य के खिलाड़ियों के साथ बातचीत शुरू करना आवश्यक है।" उन्होंने आगे कहा, "हम यह दिखाकर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना चाहते हैं और यह भी बताना चाहते हैं कि एनसीपी उनके साथ खड़ी है।" एनसीपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि वह भाजपा सांसद हैं। उन्होंने कहा, "जिस तरह से पुलिस ने महिला पहलवानों के साथ व्यवहार किया वह अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण था।"

आपको बता दें कि बीते रविवार को दिल्ली पुलिस ने पहलवान विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित अन्य प्रदर्शनकारियों को जबरन हिरासत में ले लिया था। वे सभी नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने जंतर-मंतर से टेंट, गद्दे और अन्य सभी सामान भी हटा दिए हैं, जहां वे 35 दिनों से अधिक समय से विरोध कर रहे थे।

 

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