टिकट वितरण से पहले कांग्रेस को रूठों को मनाने की चिंता

भोपाल

विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से टिकट पाने के लिए दावेदारी करने वालों की संख्या को देखकर पार्टी चिंता में आ गई है। अब इस पर भी काम करने की तैयारी की जा रही है कि टिकट तय होने के बाद बाकी के दावेदारों को कैसे मनाया जाएगा। इसे लेकर भी कांग्रेस के आला नेता जल्द ही रणनीति बनाने वाले हैं। इस संबंध में एक जूम मीटिंग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जिला संगठन मंत्रियों के साथ कर चुके हैं।

सूत्रों की मानी जाए तो पीसीसी चीफ कमलनाथ के पास अब तक साढ़े तीन हजार से ज्यादा दावेदारों के बायोडाटा पहुंच चुके हैं। औसत के हिसाब से हर सीट से लगभग 15 दावेदार सामने आए हैं। हालांकि कुछ सीटों पर दावेदारों की संख्या तीस से ज्यादा हो गई है, जबकि कुछ सीटों पर एक किसी ने भी दावेदारी नहीं दिखाई है।

कांग्रेस में दावेदारों की संख्या हमेशा तीन से चार हजार के बीच ही रहती है, लेकिन टिकट मिलने के बाद पार्टी बाकी के दावेदारों को मनाने का संगठन स्तर पर कोई काम नहीं करती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस का ध्यान इस पर भी है। इसे लेकर जल्द ही पार्टी के दिग्गज नेता रणनीति बनाने वाले हैं।

बाकी सीटों पर दावेदारों का अंबार
बड़े नेताओं की सीटों को छोड़कर बाकी की लगभग सभी सीटों पर दावेदार सामने आए हैं। इनमें से जिन सीटों पर अभी कांग्रेस के विधायक हैं, उन सीटों पर भी दावेदारी सामने आई है। जबकि कांग्रेस अपने अधिकांश विधायकों को फिर से टिकट देने का मन बना चुकी है। पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदारी सामने आई है। कांग्रेस 135 सीटे हारी थी, इन सीटों पर करीब ढाई हजार दावेदार सामने आए हैं।

बड़े नेताओं की सीट पर नहीं की दावेदारी
बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं की परम्परागत सीटों पर किसी दावेदारी नहीं की गई है। इसमें छिंदवाड़ा, राघौगढ़, लहार, पिछोर, लांजी, गोटेगांव, सोनकच्छ, राजपुर, राऊ से किसी ने भी दावेदारी नहीं की है। इन सभी सीटों पर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता विधायक हैं। इसके अलावा चुरहट से भी किसी ने दावेदारी नहीं की है। इस सीट पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पिछला चुनाव हार गए थे।

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