बॉन्ड मार्केट से 150 अरब का फंड जुटाएगा अडानी समूह

मुंबई
अडानी ग्रुप (Adani Group) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारतीय बॉन्ड मार्केट से 150 अरब रुपये जुटाने की योजना बनाई है. ये बॉन्ड भारतीय रुपये में जारी किए जाएंगे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरतों को पूरा करने के लिए बॉन्ड से मिले पैसों का इस्तेमाल किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, इन बॉन्ड्स को पांच अरब से 10 अरब के लॉट में जारी किया जाएगा. इनमें लिस्टेड और अन-लिस्टेड दोनों तरह के बॉन्ड शामिल होंगे. इस जनवरी के आखिरी में अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को जोरदार झटका दिया था. इसके बाद से ही समूह बॉन्ड लाने की तैयारी कर रहा है.

हिंडनबर्ग ने दिया था झटका

अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह का उच्च कर्ज स्तर उन चिंताओं में से एक था, जिसका जिक्र अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को पब्लिश अपनी रिपोर्ट में किया था. इस रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगभग 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश

रिपोर्ट में कहा गया है कि फंड जुटाने की योजनाएं दो महीने में गति पकड़ लेंगी और जुटाई गई राशि प्रारंभिक आकार से दोगुनी हो सकती है. इन योजनाओं से अडानी ग्रुप का मकसद निवेशकों का भरोसा जीतना है. अडानी एंटरप्राइजेज ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय बॉन्ड की बिक्री के जरिए 12.5 अरब रुपये जुटाए हैं.

ब्लूमबर्ग ने पिछले सप्ताह अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि अडानी समूह 600 मिलियन डॉलर से 750 मिलियन डॉलर के बीच उधार लेने के लिए बार्कलेज पीएलसी, डॉयचे बैंक एजी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी के साथ भी बातचीत कर रहा है. अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सौर मॉड्यूल परियोजना के लिए बार्कलेज और डॉयचे बैंक से व्यापार वित्त सुविधा के जरिए 3,231 करोड़ रुपये जुटाए हैं. बीते दिनों अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली थी.

गौतम अडानी ने किया था पलटवार

कुछ दिनों पहले अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिडनबर्ग (Hindenburg) पर जोरदार प्रहार किया था. उन्होंने कहा कि हमें नुकसान पहुंचाने के मकसद से हिंडनबर्ग ने हमारे ऊपर अपनी रिपोर्ट में गलत और बेबुनियाद आरोप लगाए थे.  उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों का कॉम्बिनेशन थी. रिपोर्ट जानबूझकर और दुर्भावना से प्रेरित थी, जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था.

 

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