भोपाल के शासकीय विद्यालयों में वर्ष भर संचालित होंगी निपुण सांस्कृतिक कार्यशालाएँ

आयुक्त लोकशिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने किया शुभारंभ

भोपाल

भोपाल के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में वर्षभर ''निपुण'' सांस्कृतिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। कार्यकम का शुभारंभ मंगलवार को आयुक्त लोकशिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

इन सांस्कृतिक कार्यशालाओं के आयोजन में स्वैच्छिक संगठन अभ्युत्थानम वेलफेयर फाउंडेशन वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा। जिसके तहत शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वाद्य यंत्र वादन का प्रशिक्षण राजधानी भोपाल के प्रसिध्द संगीतकार सुरेंद्र वानखेड़े देंगे। शासकीय सरोजिनी नायडू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सुगम संगीत के सिद्धहस्त कलाकार जितेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में गायन कार्यशाला संचालित होगी वही शासकीय नवीन कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में प्रसिद्ध शिल्पकार और चित्रकार सुलक्ष्मीबाला सिंह के मार्गदर्शन में शिल्प कला की कार्यशाला संचालित की जाएगी।

इन कार्यशालाओं में प्रयुक्त होने वाली सामग्री और गुरुजनों के मानदेय आदि की समस्त वित्तीय व्यवस्थाएं अभ्युत्थानम वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा की जाएंगी। इस संस्था द्वारा कोविड काल में भी सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के 22 मेधावी विद्यार्थियों को लगभग डेढ़ लाख रुपए मूल्य के स्मार्ट फ़ोन उपलब्ध कराए गए थे।

आयुक्त लोकशिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बच्चों के सर्वांगींण विकास की दृष्टि से शालेय शिक्षा में कला और संस्कृति के समावेश पर विशेष जोर देती है। इन कार्यशालाओं के निरंतर संचालन से बच्चों में निखार आएगा और वे एकाग्रचित्त हो आगे बढ़ेंगे। श्रीमती श्रीवास्तव ने अभ्युत्थानम संस्था को इस कार्य के लिए धन्यवाद देते हुए कार्यशालाओं में शामिल विद्यार्थियों को शुभ कामनाएँ प्रदान कीं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय भरतनाट्यम नृत्यगुरु डॉक्टर लता सिंह मुंशी, लेखक और साहित्यकार संजोय कुमार, संस्कृति विभाग की उप संचालक श्रीमती वंदना जैन तथा अभ्युत्थानम संस्था के यशवर्धन द्विवेदी ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम में संचालक लोकशिक्षण के.के. द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी, तीनो चयनित विद्यालयों के प्राचार्य गण सुधाकर पाराशर, श्रीमती वंदना चतुर्वेदी और श्रीमती मालिनी वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी, शिक्षक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

 

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