जी-20 सम्‍मेलन में शामिल होने से पहले पाक सेना प्रमुख से मुलाकात करेंगे सऊदी प्रिंस

इस्‍लामाबाद
 जी-20 शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए भारत जा रहे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान अब पहले पाकिस्‍तान जा रहे हैं। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक सऊदी प्रिंस 10 सितंबर को पाकिस्‍तान के संक्षिप्‍त दौरे पर पहुंच सकते हैं। इस दौरान सऊदी प्रिंस पाकिस्‍तान के केयर टेकर पीएम अनवार उल हक काकर और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात करेंगे। पाकिस्‍तान से ही सऊदी प्रिंस नई दिल्‍ली के दौरे पर रवाना हो जाएंगे। सऊदी प्रिंस का भारत और पाकिस्‍तान का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब पाकिस्‍तानी विश्‍लेषकों का कहना है कि खाड़ी देशों की ओर से इस्‍लामाबाद पर नई दिल्‍ली के साथ दोस्‍ती का दबाव बढ़ रहा है।

दरअसल, पाकिस्‍तान कंगाल हो चुका है और सऊदी अरब तथा यूएई के लोन के बल पर डिफॉल्‍ट होने से बचा हुआ है। सऊदी अरब और यूएई दोनों ने अब पाकिस्‍तान से साफ कह दिया है कि वे मुफ्त में पैसा नहीं देंगे। यही वजह है कि पाकिस्‍तान को अपने राष्‍ट्रीय परिसंपत्तियों में यूएई और सऊदी अरब को हिस्‍सेदारी बेचनी पड़ रही है। सऊदी अरब पाकिस्‍तान की एक खान में अरबों डॉलर का निवेश करने जा रहा है। यही नहीं सऊदी अरब करीब 3 अरब डॉलर की मदद देने जा रहा है जिससे ग्‍वादर में एक तेल रिफाइनरी बनेगी।

सऊदी और यूएई पाकिस्‍तान पर डाल रहे हैं दबाव

इससे पहले सऊदी अरब और यूएई ने कंगाल पाकिस्‍तान को अरबों डॉलर की मदद दी जिससे आईएमएफ से लोन का रास्‍ता साफ हुआ। पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून के पत्रकार कामरान युसूफ के मुताबिक ये देश अब पाकिस्‍तान पर दबाव डाल रहे हैं कि वह भारत के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करे। सऊदी अरब और भारत की दोस्‍ती इन दिनों अपनी नई ऊंचाई पर है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के दौरान भारत ने सऊदी अरब को इस संगठन का सदस्‍य बनाने का खुलकर समर्थन किया था।

पाकिस्‍तानी पत्रकार रऊफ क्‍लासरा के मुताबिक पाकिस्‍तान में अ‍ब नवाज शरीफ की सरकार बनती दिख रही है। नवाज शरीफ को सेना का समर्थन प्राप्‍त है और अब उनके पास भारत के साथ रिश्‍ते सुधारने की जिम्‍मेदारी होगी। नवाज शरीफ को सऊदी अरब और यूएई का बहुत करीबी माना जाता है। इससे पहले इमरान खान के समय भारत के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने की कोशिश हुई थी लेकिन पीटीआई नेता के पलट जाने की वजह से यह संभव नहीं हो सका। अब इसकी जिम्‍मेदारी नवाज शरीफ को दी जा रही है। नवाज शरीफ और पीएम मोदी के बीच रिश्‍ते अच्‍छे हैं। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान में ऐसी धारणा है कि पीएम मोदी के साथ रिश्‍ते अगर कोई सुधार सकता है तो वह नवाज शरीफ हैं।
 

'नवाज शरीफ भारत के साथ सुधार सकते हैं रिश्‍ते'

पीएम मोदी इससे पहले नवाज शरीफ के पीएम रहने के दौरान उनके घर भी जा चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि नवाज शरीफ के पाकिस्‍तान आने और फिर पीएम बनने की केवल एक ही वजह है। यह भारत के साथ दोस्‍ती को फिर से सही करना है। पाकिस्‍तान के लोगों का मानना है कि नवाज शरीफ ही एक ऐसे नेता हैं जो चुनाव जीतने के बाद भारत के साथ दोस्‍ती करा सकते हैं। रऊफ क्‍लासरा ने कहा कि अब इमरान खान का वर्तमान सेना प्रमुख के रहते हुए वापसी मुश्किल है। केयर टेकर सरकार में विदेश मंत्री ने भी हाल ही में भारत के साथ रिश्‍ते सुधारने की गुहार लगाई थी। माना जा रहा है कि वह भारत के साथ बातचीत की जमीन तैयार कर सकते हैं।

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