शेयर बाजार में रेकॉर्ड तेजी पर म्यूचुअल फंड में मायूसी क्यों?

शेयर बाजार में रोजाना नए रेकॉर्ड बना रहे हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेशकों के हाथ आ रहा फिसड्डी रिटर्न उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि कहीं उनके साथ धोखा तो नहीं हो रहा। निवेशकों को चिंता है कि कहीं यह ट्रेंड लंबे समय तक तो नहीं चलेगा? क्या है कम रिटर्न की वजह और निवेशकों को अब क्या करना चाहिए। 
 

शेयर बाजार का फायदा पाने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश सबसे सेफ माना जाता रहा है, लेकिन इधर इसकी विश्वसनीयता में काफी गिरावट देखी गई है। ऐसे में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करने वाले आम निवेशकों को यह समझ नहीं आ रहा है कि उनके लार्ज कैप (ब्लू चिप) फंड्स का प्रदर्शन भी इंडेक्स (निफ्टी और सेंसेक्स) से इतना कम क्यों है? पिछले 6 महीने से मिड कैप कंपनियों में जबरदस्त गिरावट के चलते मिड कैप फंड्स के निवेशकों के हौसले खासे पस्त हैं और ऐसे में ऐक्टिवली मैनेज्ड लार्ज कैप फंड्स की अंडरपरफॉर्मेंस ने उनकी नींद उड़ा दी है। 

क्या है वजह? 
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार का कहना है कि यह सही है कि निफ्टी और सेंसेक्स (इंडेक्स) की तुलना में इक्विटी फंड (लार्ज कैप) का प्रदर्शन इस साल अब तक अच्छा नहीं रहा है। असल में लार्ज कैप की तुलना इंडेक्स के रिटर्न से की जाती है। लेकिन इस बार सेंसेक्स की तेजी में सिर्फ तीन शेयरों, रिलायंस इंडस्ट्री, आईटीसी और टीसीएस का योगदान ज्यादा है और कोई भी फंड मैनेजर 10 या 11 पर्सेंट निवेश आरआईएल में नहीं कर सकता। उसे निवेशकों का पैसा टॉप 100-150 कंपनियों में लगाना होता है और उसमें सेंसेक्स के बाहर की कंपनियां भी होती हैं। इसलिए निवेशकों को अपना कम रिटर्न देखकर परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि इंडेक्स का यह ‘नेरो बेस’ ट्रेंड लंबा नहीं चल सकता। जिन्हें पिछले 4 साल में इंडेक्स से अच्छा रिटर्न मिला है, उन्हें अपने फंड पर भरोसा रखना चाहिए। अंडरपरफॉर्मेंस की वजह से निवेशकों को लार्ज कैप फंड्स से कहीं और शिफ्ट नहीं होना चाहिए। जब इंडेक्स में कुछ शेयरों की वजह से तेजी आई हो तो ज्यादातर ऐक्टिव लार्ज कैप फंड्स का अंडरपरफॉर्म करना लाजिमी है। 
 

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