अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बोले PM मोदी- पिता तुल्य संरक्षक का उठा साया

नई दिल्ली 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स में गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर निधन हो गया. इसके बाद देश भर में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं, वाजपेयी के निधन के बाद नेताओं और अन्य हस्तियों का एम्स में तांता लग गया. वाजपेयी के निधन की जानकारी सामने आते ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी एम्स पहुंच गए. अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास पर रखा गया.

 
फिल्म अभिनेता और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने उनके निधन पर कहा कि उन्होंने एक तरह से अपना पिता खो दिया है. उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. वह न सिर्फ महान राजनेता थे बल्कि शानदार वक्ता भी थे. उनके जाने से ऐसा लग रहा है कि हम अनाथ हो गए हैं.

बीजेपी सांसद सिन्हा ने कहा, 'मैं आज अनाथ महसूस कर रहा हूं. वह एक सच्चे राजनेता और अतुलनीय वक्ता भी थे.' उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी को गॉडफादर करार दिया तो वाजपेयी को पितातुल्य बताया और हमें राष्ट्र निर्माण में राजधर्म का पालन करना चाहिए.

यूपीए अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है. वह लोकतांत्रिक मूल्यों को समझते थे और बतौर सांसद, कैबिनेट मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में हमेशा इसी का प्रदर्शन किया है. वह एक महान वक्ता थे.

'देश ने अटल रत्न खोया'

– पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'स्वर और शब्द देने वाले हम सभी के प्रेरणा स्रोत अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं रहे. वाजपेयी के रूप में भारतवर्ष ने अपना अनमोल, अटल रत्न खो दिया है. अटल का विराट व्यक्तित्व और उनके जाने का दुख दोनों ही शब्दों के दायरे से परे हैं. वो एक जननायक, प्रखर वक्ता, ओजस्वी कवि, पत्रकार, प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति के धनी और सबसे बढ़कर मां भारती के सच्चे सपूत थे.

– पीएम मोदी ने कहा, 'वाजपेयी के निधन से एक युग का अंत हो गया. उनका निधन संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूर्णीय क्षति है. मेरे लिए तो वाजपेयी का जाना पिता तुल्य संरक्षण का साया सिर से उठने जैसा है. उन्होंने मुझे संगठन और शासन दोनों का महत्व समझाया. दोनों में काम करने की शक्ति और सहारा दिया. वो जब भी मिलते थे, तो पिता की तरह खुश होकर….आत्मीयता के साथ गले लगाते थे.'

– पीएम ने कहा, 'मेरे लिए वाजपेयी का जाना ऐसी कमी है, जो कभी भर नहीं पाएगी. वाजपेयी ने अपने कुशल नेतृत्व और अविरल संघर्ष के द्वारा जनसंघ से लेकर भाजपा तक इन संगठनों को मजबूती के साथ खड़ा किया. उन्होंने भाजपा के विचारों और नीतियों को देश में जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया. उन्हीं के दृढ़ निश्चय का परिणाम है कि भाजपा की यात्रा यहां तक पहुंची है.'
– पीएम मोदी ने कहा, 'वाजपेयी हमें छोड़कर भले ही चिर निद्रा में लीन हो गए हैं, लेकिन उनका जीवन, उनकी सदगी और उनका दर्शन हम समस्त भारतवासियों के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. उनका ओजस्वी और तेजस्वी व्यक्तित्व सदा हम देशवासियों का मार्गदर्शन करता रहेगा. अपार शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदना, उनके परिवार और समस्त देशवासियों के साथ है. इस दुख की घड़ी में मैं वाजपेयी के चरणों में आदरपूर्वक अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'

वाजपेयी के निधन पर क्या बोले अमित शाह

– अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास पर सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे.

– अमित शाह ने बताया कि शुक्रावर सुबह नौ बजे वाजपेयी के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां से एक बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. इसके बाद दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर गुरुवार शाम उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

अटलजी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां क्लिक करें

– वाजपेयी के निधन पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान के साथ ही भारतीय राजनीति के आकाश का ध्रुवतारा नहीं रहा. वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनके जाने के साथ ही देश ने एक अजातशत्रु राजनेता खोया है. साहित्य ने एक कवि को खोया है. पत्रकारिता ने एक स्वभावगत पत्रकार को खोया है. देश की संसद ने गरीबों की आवाज को खोया है.

– शाह ने कहा कि भारतीय जनसंघ से संस्थापक सदस्य और बीजेपी ने अपना पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष खोया है और करोड़ों युवाओं ने अपनी प्रेरणा को खोया है. अटल बिहारी वाजपेयी के न रहने से देश की राजनीति में जो जगह खाली हुई है, उसको लंबे समय तक भर पाना असंभव है. उनका व्यक्तित्व बहु आयामी था.

– अमित शाह ने कहा कि वाजपेयी का निधन बीजेपी के लिए ऐसी क्षति है, जिसकी पूर्ति कभी की ही नहीं जा सकती है. उन्होंने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी, यूएन में कश्मीर की आवाज बुलंद की, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम किया और देश की समस्याओं के समाधान के लिए कदम बढ़ाया. मैं वाजपेयी के निधन पर बीजेपी के समर्थकों और क

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