दो साल से कैंसर से जूझ रहे पिता ने नहीं टूटने दिया तजिंदर का सपना

जकार्ता             
कैंसर से जूझ रहे पिता को अस्पताल में छोड़कर आना आसान नहीं है, लेकिन तजिंदर पाल सिंह तूर अपने जुनून के प्रति मजबूत बने रहे और उनके इन सभी त्यागों का फल उन्हें एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के रूप में मिला.

मोगा के 23 वर्षीय तजिंदर ने पांचवें प्रयास में 20.75 मीटर दूर गोला फेंकर एशियाई खेलों के नए रिकार्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा, जो ओम प्रकाश करहाना के नाम था.

 तेजिंदर ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, ‘मेरे दिमाग में बस एक ही चीज थी. मैं 21 मीटर पार करना चाहता था. मैंने स्वर्ण पदक के बारे में नहीं सोचा था. लेकिन मैं इससे खुश हूं. मैं पिछले दो तीन साल से राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश कर रहा था और यह आज हो पाया और वह भी मीट रिकॉर्ड के साथ.’

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उनके और उनके परिवार के लिए बहुत मायने रखती है. तेजिंदर ने कहा, ‘यह पदक मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इसके लिए मैंने काफी त्याग किए हैं. पिछले दो साल से मेरे पिता (करम सिंह) कैंसर से जूझ रहे हैं. मेरे परिवार ने कभी भी मेरा ध्यान भंग नहीं होने दिया. उन्होंने मुझे सपना पूरा करने की ओर बढ़ाए रखा.'

मेरे परिवार और दोस्तों ने काफी त्याग किए हैं और इन सबका फल मिल गया.’ उन्होंने कहा, ‘अब मैं अपने पिता से मिलूंगा, लेकिन मैं दो दिन में ही वहां पहुंच पाऊंगा. मुझे अब अगली चुनौती के लिए तैयार होना होगा. मेरे कोच एमएस ढिल्लों को भी इसका श्रेय दिया जाना चाहिए, जिन्होंने काफी मेहनत की है.’

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