गोवंश-वध के एवज में फंडिंग होने का मामला जांच में सामने आया, इसरार के जरिए तस्करों तक पहुंचा थी रकम

सिवनी
गोवंश-वध के एवज में फंडिंग होने का मामला जांच में सामने आया है। महाराष्ट्र नागपुर मोमिनपुरा निवासी आरोपित इसरार अहमद के माध्यम से अन्य तस्करों को गोवंश-वध करने अच्छी खासी रकम दी जाती थी। गोवंश-वध करने के एवज में इसरार को रुपया मिलता था। पुलिस इस विषय पर गहनता से छानबीन व जांच कर रही है।

इस संबंध में जानकारी नवागत पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को दी गई। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए गोवंश-वध की घटना को अंजाम देने की बात प्रारंभिक जांच में सामने आई है। इस मामले में पूरी जांच के बाद ही यह पता चलेगा कि गोवंश-वध के पीछे आरोपियों का मूल उद्देश्य क्या था। अभी तक की पूछताछ में पहली बार आरोपियों ने इस तरह से वारदात को अंजाम देने की बात पुलिस के सामने स्वीकार की है।

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एसपी मेहता ने बताया कि गोवंश-वध मामले में सिवनी पुलिस मामले ने अब तक 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें नागपुर निवासी 7 आरोपी शामिल हैं। प्रकरण में शामिल पांच आरोपियों वाहिद खान, शादाब खान, संतोष कवरेती, रामदास उइके व इरफान मोहम्मद पर कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) की कार्रवाई की जा चुकी है।

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