दिल्ली हाई कोर्ट का निर्देश, मालविंदर को जमा कराने होंगे 35 लाख सिंगापुर डॉलर

नई दिल्ली 
दिल्ली हाई कोर्ट ने रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज लिमिटेड के पूर्व प्रवर्तक मालविंदर सिंह को अदालती आदेश के उल्लंघन के लिए 35 लाख सिंगापुरी डॉलर जमा कराने का निर्देश दिया है। मालविंदर ने यह राशि एक कंपनी में अपने शेयर बेचकर प्राप्त की थी, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन है।
 
अपार्टमेंट की EMI चुकाने के लिए राशि का इस्तेमाल
हाई कोर्ट ने मालविंदर और उनके भाई शिविंदर सिंह को अपनी संपत्तियों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया था। अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब मालविंदर के अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि रेलिगेयर हेल्थकेयर ट्रस्ट रिपीट ट्रस्ट में उनके 45 लाख इक्विटी शेयर अप्रैल में सिंगापुर में बेचे गए। मालविंदर भी उस समय अदालत में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस शेयर बिक्री से मालविंदर को 35 लाख सिंगापुरी डॉलर मिले। इस राशि का इस्तेमाल मालविंदर और शिविंदर ने सिंगापुर में एक अपार्टमेंट के ईएमआई के भुगतान के लिए किया, जिससे भुगतान में चूक होने से बचा जा सके। हाई कोर्ट दाइची सान्क्यो की उस याचिका की सुनवाई कर रहा है जिसमें उसने सिंगापुर न्यायाधिकरण के फैसले के क्रियान्वयन की अपील की है। इस मामले में न्यायाधिकरण ने 3,500 करोड़ रुपए का भुगतान करने को कहा था।
 
चार सप्ताह में जमा करानी होगी रकम

दाइची के वकील ने कहा कि मालविंदर ने अदालत के 19 फरवरी के उस फैसले की अवमानना की है जिसमें दोनों भाइयों को संपत्तियों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कहा था कि दोनों भाइयों ने इस मामले के दौरान जिन संपत्तियों का खुलासा किया है उसकी बिक्री वे नहीं कर सकते। अदालत ने दोनों भाइयों और 12 अन्य पर अपने शेयरों या किसी अन्य चल अचल संपत्ति के स्थानांतरण पर रोक लगाई थी। आदेश के उल्लंघन पर संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने कहा कि निश्चित रूप से यह अदालती निर्देशों के उल्लंघन का मामला है। ऐसे में मालविंदर को निर्देश दिया जाता है कि वह शेयरों की बिक्री से हासिल राशि अदालत की रजिस्ट्री के पास जमा कराएं। यह राशि चार सप्ताह में जमा करानी होगी।

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