व्यापमं केस के आरोपी अब हिंदी को नहीं बना पाएंगे ढाल, चलेगा ट्रायल

ग्वालियर। 
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने विशेष सत्र न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें व्यापमं घोटाले के आरोपित को हिंदी में चालान की कॉपी देने का आदेश दिया था और ट्रायल को रोक दिया था। सीबीआई ने ट्रायल को चालू कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सीबीआई की मांग को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। वहीं दूसरी ओर आरक्षक भर्ती घोटाले के तीन आरोपितों के खिलाफ सीबीआई ने चालान पेश कर दिया।
 
व्यापमं ने शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था, लेकिन सत्येन्द्र सिंह सॉल्वर के रूप में परीक्षा देने आया था। उसे झांसी रोड पुलिस ने पकड़ लिया था। पुलिस से मामला सीबीआई को हैंडओवर हो गया। सीबीआई ने अतिरिक्त जांच कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया। इस मामले में आधी ट्रायल हो चुकी है, लेकिन नरोत्तम धाकड़ के केस का हवाला देकर विशेष न्यायालय में हिंदी में चालान की कॉपी के लिए आवेदन पेश कर दिया।

विशेष न्यायालय ने सीबीआई को आदेश दिया कि सत्येन्द्र सिंह को चालान की कॉपी हिंदी में उपलब्ध कराई जाए। जब तक हिंदी में चालान की कॉपी नहीं मिलती है तब तक ट्रायल रोकी जाती है। इसके बाद सीबीआई ने नरोत्तम धाकड़ की याचिका में हुए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी। बावजूद इसके सत्येन्द्र सिंह के केस की ट्रायल चालू नहीं हुई।

सीबीआई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सत्येन्द्र सिंह को जो हिंदी में चालान की कॉपी देने का आदेश विशेष न्यायालय ने दिया था, उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी और ट्रायल को आगे जारी रखने का आदेश दिया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सौरव वर्मा ने विशेष न्यायालय में ट्रायल चालू करने के लिए हाईकोर्ट का आदेश पेश कर दिया।

तीन के खिलाफ पेश किया चालान, कोर्ट ने भेजा जेल

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सीबीआई ने आरक्षक भर्ती परीक्षा के तीन आरोपितों के खिलाफ चालान पेश कर दिया। तीनों आरोपितों पर धाराओं में इजाफा होने पर कोर्ट ने जेल भेज दिया।

जानकारी के अनुसार उपेन्द्र सिंह, जयप्रताप, गोविंद सिंह ने फर्जी तरीके से 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा पास की थी। कोतवाली थाना पुलिस ने दो धाराओं के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन इस मामले की सीबीआई ने अतिरिक्त जांच कर चालान पेश किया।

तीनों आरोपितों पर धारा 120, 201, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर चालान पेश किया। कोर्ट ने तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया, लेकिन चालान पेश होते ही तीनों आरोपितों ने हिंदी में चालान की कॉपी लेने के लिए कोर्ट में आवेदन पेश कर दिया। जिस पर सीबीआई से जवाब मांगा है। सीबीआई की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुमन पांडे ने की।

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