‘गूगल प्लस’ को बंद करने का ऐलान, 5 लाख यूजर्स का डेटा था खतरे में

सैन फ्रांसिस्को 
गूगल ने उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अपने सोशल नेटवर्क गूगल+ (गूगल प्लस) को बंद करने की सोमवार को घोषणा की। गूगल ने कहा है कि इस सोशल नेटवर्किंग साइट को बंद करने से पहले उसने उस बग को ठीक कर लिया था, जिसकी वजह से करीब 5 लाख के अकाउंट में निजी डेटा में सेंध लगाई गई थी। बता दें कि पिछले दिनों फेसबुक को लेकर यह खबरें सामने आई थीं कि उसके 5 करोड़ उपभोक्ताओं का डेटा खतरे में है।  
 

अमेरिका की दिग्गज इंटरनेट कंपनी ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए गूगल+ का सूर्यास्त हो गया हैयह सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को चुनौती देने में विफल रही थी। गूगल के एक प्रवक्ता ने गूगल+ बंद करने की मुख्य वजह बताते हुए कहा कि गूगल+ को बनाने से लेकर प्रबंधन में काफी चुनौतियां थीं जिसे ग्राहकों के आशा के अनुरूप तैयार किया गया था लेकिन इसका कम इस्तेमाल किया जाता था। 

बताया जा रहा है कि एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण 2015 से 2018 के बीच बाहरी डेवलपर्स ने गूगल प्लस प्रोफाइल के डेटा में सेंध लगाने की कोशिश की। गूगल के मुताबिक करीब 5 लाख लोगों के निजी डेटा में सेंध लगाई गई थी। हालांकि गूगल ने दावा किया है कि उस बग को ठीक कर लिया गया था। 

बता दें कि पिछले दिनों फेसबुक डेटा लीक के मामले में सबसे पहले मार्च 2017 में न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन के ऑब्जर्वर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्टों में दावा किया गया था कि राजनीतिक कंसल्टिंग कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका से संबंधित एक रिसर्चर ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की जानकारी में सेंध लगाई है। आरोप है कि इस डेटा के जरिए वोटर्स तक पहुंचने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत मैसेज भेजे गए। इस डेटा का इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के अलावा ब्रेग्जिट चुनाव में भी किया गया है। फेसबुक डेटा लीक का खुलासा विसलब्लोअर क्रिस्टोफर विली ने किया था, जो पहले CA में काम करते थे। 

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