WhatsApp ग्रुप एडमिन कृपया ध्यान दें, कलेक्टर ने मांगा है ग्रुप के सभी सदस्यों का बायोडाटा

व्हाट्सएप आज दुनिया का सबसे बड़ा इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है। आप भी व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते होंगे और किसी ना किसी व्हाट्सएप ग्रुप के एडिमिन भी होंगे। वैसे अभी तक तो आप यह जानते हैं कि व्हाट्सएप ग्रुप में किसी प्रकार के आपत्तिजनक कंटेंट के लिए ग्रुप एडिमन ही जिम्मेदार है लेकिन अब एक खबर है जो आपके होश उड़ा सकती है। जी हां, अब यदि आप व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं तो आपको एमसीएमसी (मीडिया सर्टीफिकेशन एंड मॉनीटरिंग कमेटी) में अपने ग्रुप के बारे में जानकारी देनी होगी और साथ ही यह भी बताना होगा कि आपके ग्रुप में कौन-कौन से सदस्य हैं।

विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज की निगरानी के लिए मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन को एमसीएमसी (मीडिया सर्टीफिकेशन एंड मॉनीटरिंग कमेटी) में जानकारी देनी होगी। साथ ही अपने ग्रुप सदस्यों के बारे में भी बताना होगा। मध्यप्रदेश के भिंड जिले के कलेक्टर ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर आदि माध्यमों का दुरुपयोग कर साम्प्रदायिक, धार्मिक तथा जातिगत द्वेष पहुंचाने वाले पोस्ट शेयर हो रहे हैं, हालांकि यह नियम केवल मीडिया व्हाट्सएप मीडिया ग्रुप के लिए है।

ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि भिंड जिले के अंतर्गत व्यक्तियों एवं असमाजिक तथा शरारती तत्वों द्वारा इंटरनेट तथा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आवश्यक प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाए। ऐसे में कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर धारा 144 लागू की है। साथ ही कहा है कि यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक, जातिगत भावनाओं को भड़काने के लिए किसी भी प्रकार का पोस्ट नहीं करेगा। साथ ही इस तरह की पोस्ट को कोई भी लाइक और शेयर भी नहीं करेगा। ऐसा करने वालों के विरुद्ध धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 

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