मध्य प्रदेश में कई दिग्गजों समेत BJP के 40 फीसदी विधायकों का कट सकता है पत्ता

नई दिल्ली
ऐंटी इन्कम्बेंसी के साथ ही कांग्रेस से मिल रही कड़ी चुनौती को देखते हुए बीजेपी एक बार फिर राज्य में अपने पुराने नुस्खे को अपनाते हुए कई दिग्गज नेताओं समेत 40 फीसदी विधायकों का पत्ता काट सकती है। पार्टी को लग रहा है कि इन सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारने से वोटरों की नाराजगी दूर हो सकेगी। पार्टी का कहना है कि पिछली बार भी उसने लगभग 25 फीसदी उम्मीदवार बदल दिए थे, जिसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिले थे।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की ओर से हाल ही में सभी विधायकों के बारे में सर्वे कराया गया है और इसकी रिपोर्ट लगभग तैयार है। उम्मीद है कि अगले एक से दो दिन में इस रिपोर्ट पर पार्टी के दिग्गज नेता विचार करेंगे। इसके अलावा पार्टी को पहले भी ऐसे विधायकों के बारे में जानकारी मिल चुकी है, जिनसे वहां के वोटर नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन-आशीर्वाद यात्रा पर निकले थे, उस वक्त भी विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर यह आकलन किया गया था कि किस विधायक के प्रति लोगों का विश्वास है और किनके प्रति नाराजगी।

पार्टी के एक नेता के मुताबिक इसका आकलन इस आधार पर भी किया गया कि जन-आशीर्वाद यात्रा के दौरान कितनी भीड़ थी और उसका रुख क्या था। कुछ जगह खुद मुखयमंत्री को स्थानीय लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। जिससे पता चला कि वहां के विधायकों की परफॉर्मेंस से लोग नाखुश हैं। इसी तरह के फीडबैक लेकर अब पार्टी इस तैयारी में है कि ऐंटी इन्कम्बेंसी को कम करने के लिए 40 फीसदी तक विधायक बदल दिए जाएं। इस फार्मूले की जद में कई दिग्गज मंत्री भी आ सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आकलन लगाया जा रहा है कि पिछली बार बीजेपी के जीते 165 में से 60 से 70 विधायकों का टिकट काटा जा सकता है। उनकी जगह पार्टी युवा और ऐसे नेताओं को टिकट देने की तेयारी में है, जिनकी छवि बेहतर हो और युवा वर्ग को रिझा सकें।

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