सबरीमाला मंदिर बंद करने की धमकी देने पर पुजारी पर सवाल

तिरुवनंतपुरम/निलक्कल 
केरल के सबरीमाला मंदिर में शुक्रवार को नाटकीय घटनाक्रम में दो महिलाओं के जाने की कोशिश और फिर विरोध के चलते वापस होकर लौटने के बाद शनिवार को स्थिति कुछ हद तक शांत रही। दोनों महिलाएं मंदिर के लिए 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ चुकी थीं। उसके बाद मंदिर के तंत्री ने यह धमकी दी थी कि अगर यह कोशिश जारी रहेगी तो मंदिर को बंद कर दिया जाएगा। इस बात को लेकर अब तंत्री के खिलाफ माहौल बनने लगा है।  
 
राज्य के वरिष्ठ मंत्री और ट्रैवनकोर देवास्वम बोर्ड के सदस्य ने सवाल किया है कि मंदिर को बंद करने की धमकी देने का अधिकार तंत्री के पास कहां है। पीडब्ल्यूडी मंत्री जी सुधाकरण ने कहा कि तंत्री के व्यवहार में अक्खड़पन है। उन्होंने कहा कि मंदिर के दरवाजे बंद करने हड़ताल के दिन किसी दुकान के शटर गिराने जैसा नहीं है। 

 
विरोध पर देना होगा स्पष्टीकरण 
टीडीबी सदस्य के पी शंकरदास ने कहा कि तंत्री को भी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को मानना होगा। उन्होंने कहा कि यह धमकी देना गलत है कि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर स्टाफ का मंदिर की सीढ़ियों के पास विरोध प्रदर्शन करना भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्हें बोर्ड को अपने किए के बारे में स्पष्टिकरण देना होगा। 
 
हुआ छुटपुट विरोध 
शबरीमाला में शनिवार को खास विरोध नहीं देखा गया। हालांकि, 17 अक्टूबर के बाद से मंदिर खुलने के बाद शनिवार को श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। सुबह एक महिला को प्रदर्शनकारियों ने रोका था लेकिन जब उन्होंने उम्र का प्रमाणपत्र दे दिया, तो उन्हें जाने दिया गया। दोपहर के वक्त अफवाह हुई कि एक महिला पुलिस एस्कॉर्ट के साथ सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश कर रही है। केरल दलित फेडरेशन की सदस्य एसपी मंजू पंबा पहुंची थीं और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मांगी थी लेकिन स्थिति को देखते हुए वह वापस लौट गईं। 
 
परंपराओं को बचाना मेरी जिम्मेदारी: पुजारी 
शबरीमाला के मुख्य पुजारी कंडारारू राजीवरारू ने शनिवार को कहा कि महिलाओं के मंदिर के अंदर दाखिल होने पर मंदिर बंद करने की बात उन्होंने परंपराओं को ध्यान में रखते हुए कही थी। उन्होंने कहा, 'भगवान अयप्पा यहां सबसे बड़ी ताकत हैं और परंपराओं से छेड़छाड़ न हो यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मेरी है।'उन्होंने कहा कि बहुत सी बातों से मंदिर की पवित्रता पर असर पड़ सकता है और महिलाओं की एंट्री उनमें से एक है। 
 

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