मारुति ने आर्मी को 700 से ज्यादा जिप्सी की डिलीवर

नई दिल्ली
मारुति सुजुकी ने अपनी आइकॉनिक टू-डोर ऑफ रोडर जिप्सी (Gypsy) को पिछले साल बंद कर दिया था। नए सेफ्टी और एमिशन नॉर्म्स पूरा न कर पाने की अक्षमता के कारण इस मॉडल को बंद किया गया था। लेकिन, अपनी ऑफ-रोड कैपबिलिटीज, मजबूती और भरोसे के कारण मारुति जिप्सी अब भी आर्मी की पसंद बनी हुई है। रसलेन की रिपोर्ट के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने जून 2020 में इंडियन आर्मी को BS4 मारुति जिप्सी 4X4 की 718 यूनिट्स डिलीवर की हैं।

अब प्राइवेट बायर्स को नहीं बेची जाती जिप्सी
मौजूदा नॉर्म्स के हिसाब से सेफ्टी फीचर्स न होने और BS4 इंजन के कारण मारुति जिप्सी को अब प्राइवेट बायर्स को नहीं बेचा जाता है। हालांकि, आर्मी को इस पुरानी SUV की मजबूती पर काफी भरोसा है। मारुति जिप्सी 4X4 आर्मी की पसंदीदा गाड़ियों में है और इसकी एक मुख्य वजह यह है कि सिंपल हार्डवेयर कॉन्फिगरेशन के कारण इसको मेंटेन और रिपेयर करना बहुत आसान होता है। चूंकि, ये वीकल्स दूरदराज की लोकेशंस में तैनात की जाती हैं, इसलिए ऑन-द-स्पॉट रिपेयर्स इनकी एक मुख्य जरूरत है।

जिप्सी में नहीं हैं मौजूदा सेफ्टी नॉर्म्स के हिसाब से फीचर
मारुति जिप्सी 1.3 लीटर पेट्रोल इंजन से पावर्ड है। यह इंजन, लंबे समय पहले ही मारुति के पैंसेजर कार पोर्टफोलियो से बाहर हो गया है। 4 सिलिंडर पेट्रोल इंजन 80bhp का पावर और 103Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। ऑफ-रोड SUV में लो-रेशियो के साथ 4WD (फोर-वील ड्राइव) सिस्टम और 5 स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स दिया गया है। हालांकि, मारुति जिप्सी में कोई ABS, एयरबैग्स, पार्किंग सेंसर्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स जैसे सेफ्टी फीचर नहीं हैं। इसके अलावा, इसका चेसिस काफी पुराना है, ऐसे में यह मौजूदा क्रैश टेस्ट नॉर्म्स को पास नहीं कर सकती है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आर्मी भविष्य में जिप्सी के और ऑर्डर देगी या यह आखिरी बैच है।

मारुति सुजुकी जिप्सी (विदेशी मार्केट में इसका नाम सुजुकी जिम्नी) भारत में अपनी सेकंड जेनरेशन में 33 साल पहले पेश की गई थी। इसके बाद से यह इसी अवतार में बिकती रही है। ग्लोबल मार्केट में ऑफ-रोड SUV 1998 में थर्ड जेनरेशन में आई। वहीं, 2019 में इसकी फोर्थ जेनरेशन आई। चौथी जेनरेशन वाली सुजुकी जिम्नी (थ्री-डोर वर्जन) को इस साल के ऑटो-एक्सपो में पेश किया गया था।

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