पांच साल से वन विभाग की जमीन पर जमाए हुए कब्जा, मेहनत करके जमीन को उपजाऊ बनाया

बालाघाट
वन परिक्षेत्र पूर्व बैहर सामान्य के अंतर्गत खुरमुंडी सर्किल से एक मामला प्रकाश में आया है जहां सिताडोंगरी निवासी एक परिवार ने वन विभाग की करीब आधा एकड भूमि पर पिछले पांच साल से जबरन कब्जा जमाए हुए है। जहां उन्होने उक्त भूमि को उपजाऊ भूमि बनाने के लिये कमर कसी और इस वर्ष मौका जैसे ही मिला तो उन्होने बैलजोडी खरीदकर वन विभाग की उक्त जमीन पर धान की फसल लगा दी। हालाकि पिछले पांच साल से कब्जा जमाए  रखने के बाद यह पहला वर्ष बताया जा रहा  है जहां उन्होंने कृषि कार्य प्रारंभ किया है। विभागीय कर्मचारी को जब इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने उक्त कब्जाधारी ग्रामीण को नोटिश भेजकर भूमि छोड़ने को कहा। वही खुरमुंडी बीट क्रक्ष क्रमांक 1582 के बीटगार्ड ने कार्यवाही हेतू लिखित शिकायत डिप्टी रेंजर देवेंद्र पांडे को दी है, लेकिन अभी तक डिप्टी रेंजर पांडे के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई।

उक्त मामले में प्राप्त जानकारी अनुसार सीताडोंगरी निवासी कंचन यादव और बुधसिंह यादव दोनो भाईयो ने खुरमुंडी बीट के क्रक्ष क्रमांक 1582 में वन विभाग की करीब आधा एकड जमीन पर पिछले पांच साल से जबरन कब्जा जमा लिया है। वहां वे दोनो भाई उक्त भूमि पर कृषि कार्य करते आये है। लेकिन जब उक्त भूमि पूर्णत: उपजाऊ भूमि बन गई तो इस वर्ष उन्होंने वन विभाग की भूमि पर धान की रोपाई कर ली। लेकिन यह मामला उजागर हो गया और विभाग के कर्मचारियो को इसकी जानकारी लग गई। जहां जानकारी लगने पर बीटगार्ड सतीश मरकाम ने उक्त भूमि के कब्जाधारी पर कार्यवाही हेतू एक लिखित आवेदन वरिष्ठ अधिकारी डिप्टी रेंजर देवेंद्र पांडे को दी। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नह की गई। जिसके बाद 26 जुलाई को बीटगार्ड सतिश मरकाम ने किये गये उक्त अतिक्रमण के संदर्भ में एक सूचना पत्र डिप्टी रेंजर पांडे को दी, जिसके बाद आज 06 अगस्त को मिटिंग आमंत्रित कर अतिक्रमण के संदर्भ में कार्यवाही हेतू पंचनामा तैयार किया गया। जहां कब्जाधारी कंचन यादव और बुधसिंह यादव ने फसल कटते ही कब्जा छोड देने की बात कही है।

कब्जा जमाए बैठे कृषक कंचन यादव की पत्नी सुनीता यादव ने चर्चा में बताया कि इस वर्ष ही हम खेती कर रहे है, हमारे पास बैल जोड़ी नहीं थी। हमने मेहनत करके बैल जोड़ी खरीदी और इसी वर्ष खेती कर रहे हैं। वही सुनीता यादव ने बताया कि उक्त जमीन पर कब्जा करने के लिये उन्होने किसी से कोई परमिशन नही ली है, वे अपनी स्वेच्छानुसार कब्जा जमाए हुए है लेकिन बीटगार्ड द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी डिप्टी रेंजर को सूचना देने के बाद भी उनके द्वारा अतिक्रमण को लेकर कोई कार्यवाही न किया जाना, विभाग के जिम्मेंदारो पर सवालिया निशान है। पिछले पांच साल से सीताडोंगरी निवासी कंचन यादव और बुधसिंह यादव दोनों भाईयों के द्वारा कब्जा जमाया गया है, जो कहीं ना कहीं किसी अधिकारी से उन्हें संरक्षण मिलने की ओर इशारा कर रहा है, इसकी वरिष्ठ स्तर पर जांच होनी चाहिये। हालाकि कब्जाधारियों के द्वारा उक्त वन विभाग की भूमि को उपजाऊ भूमि में बदल दिया गया है और अब वे कार्यवाही के भय उक्त भूमि से कब्जा छोडने को भी तैयार है।

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